जगदलपुर। छत्तीसगढ़ में 4 अक्टूबर को हुए सबसे बड़े नक्सल एनकाउंटर के बाद, दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमिटी के नक्सलियों ने एक पर्चा जारी कर अपनी प्रतिक्रिया दी है।रक्षा बलों ने 38 नक्सलियों को मार गिराया था। पर्चे में नक्सलियों ने इस बात को स्वीकार किया है कि दो अलग-अलग मुठभेड़ों में उनके 38 साथी मारे गए, लेकिन साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि इस मुठभेड़ में स्थानीय आदिवासी भी मारे गए हैं।

नक्सलियों ने अपने पर्चे में बताया कि उनकी कमांडर नीति गंभीर रूप से बीमार थी और मुठभेड़ के समय हथियार उठाने की स्थिति में भी नहीं थी। इसके अलावा, उन्होंने 21 और 22 अक्टूबर को देशभर में “विरोध दिवस” मनाने का आह्वान किया है, इस एनकाउंटर के खिलाफ अपनी आवाज उठाने के लिए।

बता दें, यह मुठभेड़ 4 अक्टूबर को दंतेवाड़ा और नारायणपुर के थुलथुली नेंदुर इलाके के जंगलों में हुई थी। सुरक्षा बलों की डीआरजी (डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड) और एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) की संयुक्त टीम ने पूरे दिन चले ऑपरेशन के दौरान नक्सलियों को चारों ओर से घेर लिया था। सुरक्षा बलों ने सफलता पूर्वक इस ऑपरेशन को अंजाम दिया और सभी जवान सुरक्षित लौट आए।