टीआरपी डेस्क। पिछले एक सप्ताह में लगभग 100 उड़ानों को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। हालांकि ये सभी धमकियां फर्जी निकलीं, लेकिन इसके चलते कई उड़ानों में देरी हुई और यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए ऐलान किया है कि इस तरह की फर्जी धमकियां देने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऐसे लोगों को हवाई सफर करने से रोकने के लिए नियमों में बदलाव किए जा रहे हैं।

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने कहा, यात्रियों की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, लेकिन फर्जी कॉल कर अफरा-तफरी मचाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। हम विमान सुरक्षा नियमों में संशोधन कर रहे हैं ताकि ऐसे लोगों को ‘नो-फ्लाई लिस्ट’ में डाला जा सके।

नियमों में बदलाव की तैयारी

नायडू ने यह भी बताया कि इन धमकी भरे कॉल्स के बाद हितधारकों के साथ कई बैठकों का आयोजन किया गया है। अब विमान सुरक्षा नियमों (SUASCA एक्ट) में संशोधन पर विचार किया जा रहा है। इसका उद्देश्य ऐसे फर्जी धमकियों देने वालों को पकड़कर उन्हें हवाई यात्रा से प्रतिबंधित करना है। हाल के दिनों में धमकी भरी कॉल्स की बाढ़ आ गई है, और 19 अक्टूबर को 24 घंटे के भीतर 11 विमानों में बम की झूठी धमकी मिली थी।

सरकार एक्शन मोड में

सरकार अब इस मामले को संज्ञेय अपराध की श्रेणी में लाने की तैयारी कर रही है। इसके लिए अन्य मंत्रालयों के साथ भी चर्चा हो रही है। नायडू ने कहा कि सरकार यात्रियों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगी, और इस दिशा में सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय में भी इस मुद्दे पर उच्चस्तरीय बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें CISF और BCAS के अधिकारियों ने जांच की स्थिति की रिपोर्ट दी। अधिकतर धमकी भरी कॉल्स विदेशों से आ रही हैं, जो जांच का प्रमुख हिस्सा हैं।

एयरलाइंस की मांग

फर्जी बम धमकियों से हवाई कंपनियां भी बेहद परेशान हैं। इन कॉल्स के कारण उड़ानों में देरी होती है और यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ता है। एयरलाइंस ने सख्त नियमों की वकालत करते हुए कहा कि ऐसे मामलों में उन्हें हुए नुकसान की भरपाई आरोपियों से की जानी चाहिए।