टीआरपी डेस्क। मध्य प्रदेश के जबलपुर से एक दर्दनाक घटना सामने आई है। मंगलवार, 22 अक्टूबर को ऑर्डिनेंस फैक्ट्री खमरिया में हुए भीषण विस्फोट में दो कर्मचारियों की जान चली गई, जबकि 10 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से झुलस गए हैं। इनमें से दो की हालत नाजुक बनी हुई है और सभी घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। फैक्ट्री प्रबंधन ने मौके पर पहुंचकर घटना की जांच शुरू कर दी है। यह ब्लास्ट फैक्ट्री के एफ-6 सेक्शन में स्थित बिल्डिंग नंबर 200 में हुआ।

विस्फोट के कारण फैक्ट्री की इमारत ढही
सूत्रों के अनुसार, यह विस्फोट उस वक्त हुआ जब एफ-6 सेक्शन में एरियल बम फिलिंग का काम चल रहा था। विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि इससे पूरी इमारत ढह गई और फैक्ट्री परिसर में अफरा-तफरी मच गई। कई कर्मचारी मलबे में दब गए और तुरंत राहत कार्य शुरू किया गया। फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा घटनास्थल पर तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है।
राहत और बचाव कार्य जोरों पर
धमाके के तुरंत बाद बचाव दल मौके पर पहुंचा और मलबे में दबे कर्मचारियों को निकालने का काम शुरू किया। घायलों को प्राथमिक उपचार के लिए पहले ओएफके अस्पताल ले जाया गया, लेकिन गंभीर रूप से घायल कर्मचारियों – रणधीर, श्यामलाल और चंदन – को तुरंत निजी अस्पताल रेफर किया गया। प्रशासन द्वारा स्थिति की निगरानी की जा रही है, और इस हादसे की हर पहलू से जांच की जा रही है।
जानकारी के अनुसार, हादसा तब हुआ जब हाइड्रोलिक सिस्टम में अचानक ब्लास्ट हो गया। धमाके की आवाज 5 किलोमीटर दूर तक सुनाई दी, जिससे आसपास के इलाके में भी दहशत फैल गई। घटना के बाद फैक्ट्री प्रबंधन और प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है कि आखिर विस्फोट कैसे हुआ और इसके पीछे किसकी लापरवाही थी।
प्रशासन की तत्परता और इलाज की व्यवस्था
प्रशासन ने राहत कार्यों के साथ-साथ घायलों के इलाज की पूरी व्यवस्था की है। घायलों का इलाज नजदीकी अस्पताल में जारी है, और डॉक्टरों की एक टीम उनकी स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है। प्रशासन ने यह भी आश्वासन दिया है कि किसी भी कर्मचारी की जान बचाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।
फैक्ट्री में सुरक्षा मानकों पर उठे सवाल
इस भयावह हादसे के बाद ऑर्डिनेंस फैक्ट्री की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। इस तरह की दुर्घटनाओं से कई जानें खतरे में पड़ सकती हैं, जिससे सुरक्षा मानकों की सख्त समीक्षा की जरूरत महसूस हो रही है। इस घटना ने कर्मचारियों और उनके परिवारों में भय और चिंता का माहौल पैदा कर दिया है। जांच के बाद फैक्ट्री में सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने की दिशा में कदम उठाए जा सकते हैं।