रायपुर। दंतेवाड़ा के जिला अस्पताल में एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। ऑपरेशन थियेटर में मेडिकल प्रोटोकॉल का ठीक से पालन न होने के कारण मोतियाबिंद के ऑपरेशन के बाद 10 मरीजों की हालत गंभीर हो गई है। यह मरीज फंगस प्रभावित ओटी में ऑपरेशन के बाद राजधानी रायपुर के मेकाहारा अस्पताल रेफर किए गए।

दरअसल, मंगलवार को दंतेवाड़ा जिला अस्पताल में 20 नेत्र रोगियों की सर्जरी की गई। अगले दिन मरीजों ने आंखों में तकलीफ की शिकायत की। हालांकि, अस्पताल प्रबंधन ने इस गंभीर स्थिति की सूचना उच्चाधिकारियों को नहीं दी और हालात बिगड़ने लगे। फिलहाल सभी मरीजों का इलाज राजधानी रायपुर के मेकाहारा अस्पताल में चल रहा है।
दंतेवाड़ा जिला अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही की कीमत उन 10 लोगों को अपनी आंखों की रोशनी से चुकानी पड़ सकती थी। कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी ने इस घटना पर संज्ञान लिया और आनन-फानन में सभी को राजधानी रेफर किया गया। मामले की जानकारी लोगों को मिलते ही रायपुर से दंतेवाड़ा तक हड़कंप मच गया।
सूत्रों के अनुसार, कुछ महीने पहले आई एक केंद्रीय टीम ने ओटी का निरीक्षण किया था और फंगस एवं खराब हेपा फिल्टर्स के बारे में प्रबंधन को चेतावनी दी थी। बावजूद इसके अस्पताल प्रबंधन ने कोई सुधार नहीं किया।
दोषियों पर होगी कार्रवाईः स्वास्थ्य मंत्री
जैसे ही यह मामला CMHO डॉ. रामटेके के संज्ञान में आया, उन्होंने बिना समय गंवाए मरीजों को रायपुर के मेकाहारा रेफर कराया। अब सभी मरीजों का विशेषज्ञ डॉक्टरों की देखरेख में उपचार चल रहा हैं, और उनकी स्थिति में सुधार बताया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने भी मामले की गंभीरता को स्वीकार किया और कहा कि स्थिति की जांच की जाएगी। यदि कोई दोषी पाया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्री मेकाहारा अस्पताल पहुंचे और मरीजों से बातचीत की।
आयुष्मान योजना का भुगतान अटका, वापस भेज रहे मरीज
इधर, आयुष्मान योजना के अंतर्गत अस्पतालों से मरीजों को फंड नहीं होने के नाम पर वापस भेजने का मामला सामने आया, जिसके चलते मरीज प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराने मजबूर है। इस पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल से द रूरल प्रेस ने प्रश्न पूछा कि आयुष्मान योजना का भुगतान नहीं होने पर अस्पताल प्रबंधन मरीजों को वापस भेज रहे हैं, ऐसे में मरीजों के सामने प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराने की मजबूरी है। इस पर सरकार क्या एक्शन लेगी।
सवाल पर जवाब देते हुए मंत्री जायसवाल ने कहा कि आयुष्मान योजना का निरंतर भुगतान किया जा रहा है। वर्तमान में एक हजार करोड़ रूपए से कम का भुगतान करना बाकी है, हाल ही में अस्पतालों को 100 करोड़ का भुगतान किया गया है और आगामी दिनों में फिर भुगतान किया जाएगा। जहां तक मरीजों को वापस भेजने की बात है, इसकी जांच कराई जाएगी और जो अस्पताल ऐसा कर रहे हैं, उनपर कार्रवाई होगी।