जनगणना 2025: केंद्र सरकार 2025 में देशभर में जनगणना शुरू करने की योजना बना रही है, जो चार साल की देरी के बाद होगी और 2026 तक चलेगी। इसके बाद लोकसभा सीटों के परिसीमन की प्रक्रिया भी 2028 तक पूरी होने की संभावना है। इसी कड़ी में केंद्र ने भारत के रजिस्ट्रार जनरल और जनगणना आयुक्त मृंतजय कुमार नारायण का कार्यकाल 2026 तक बढ़ा दिया है, ताकि वह इस प्रक्रिया का निरीक्षण कर सकें।

अमित शाह – उचित समय पर होगी जनगणना
जनगणना में देरी को लेकर विपक्ष ने मोदी सरकार पर सवाल उठाए हैं और जाति आधारित जनगणना की मांग की है। पहले यह प्रक्रिया अप्रैल 2020 में शुरू होने वाली थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण स्थगित कर दी गई। गृह मंत्री अमित शाह ने अगस्त में कहा था कि जनगणना “उचित समय” पर कराई जाएगी और प्रक्रिया का निर्णय होते ही इसकी घोषणा की जाएगी।
जाति आधारित जनगणना की बढ़ती मांग
2024 के आगामी लोकसभा चुनावों में कांग्रेस ने वादा किया है कि सत्ता में आने पर जाति आधारित जनगणना कराई जाएगी। राहुल गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं ने भी यह मांग दोहराई है, आरोप लगाते हुए कि केंद्र वंचित वर्गों का समुचित प्रतिनिधित्व नहीं कर रही है।
1881 से हर 10 साल में हो रही है जनगणना
सितंबर में एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्र सरकार ने दशक की जनगणना की तैयारियां शुरू कर दी हैं, हालांकि जाति को एक श्रेणी के रूप में शामिल करने पर अभी कोई निर्णय नहीं लिया गया है। 1881 से नियमित रूप से हर 10 साल में होने वाली जनगणना का मुख्य उद्देश्य देश की जनसंख्या का व्यापक सामाजिक-आर्थिक और जनसांख्यिकी आंकड़ा जुटाना है।