रायगढ़। बजरमुड़ा मुआवजा घोटाले में कार्यवाही के तहत दो पटवारियों को निलंबित कर दिया गया है। इन पर आरोप है कि उन्होंने गलत मुआवजा पत्रक तैयार कर निजी भूमि स्वामियों को लाभ पहुंचाने का प्रयास किया था। राजस्व सचिव के निर्देश पर एसडीएम घरघोड़ा ने यह आदेश जारी किया है।

मामला छत्तीसगढ़ पावर जनरेशन कंपनी (सीजीपीडीसीएल) के गारे-पेलमा सेक्टर-3 में आवंटित कोल ब्लॉक से जुड़ा है, जिसमें प्रभावित ग्राम बजरमुड़ा की कृषि भूमि को एक-फसली की जगह दो-फसली, कच्चे मकानों को पक्का, और पौधों को पेड़ बताकर परिसंपत्तियों की गलत गणना की गई थी। इसका उद्देश्य निजी भूमि स्वामियों को गलत तरीके से मुआवजा दिलाना था, और इसी आधार पर मुआवजा जारी भी कर दिया गया।
शिकायत की जांच में इन अनियमितताओं की पुष्टि हुई। राज्य स्तरीय टीम की रिपोर्ट के आधार पर राजस्व सचिव ने मामले की दोबारा गणना और संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई का आदेश दिया था।
इसके तहत तमनार के हल्का नंबर 14 में पदस्थ वर्तमान पटवारी जितेंद्र पन्ना और तत्कालीन पटवारी मालिक राम राठिया, जो अब हल्का नंबर 6 में तमनार में पदस्थ हैं, को एसडीएम द्वारा निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि में दोनों का मुख्यालय कलेक्टोरेट कार्यालय स्थित भू-अभिलेख कार्यालय में रहेगा।