रायपुर। कलेक्ट्रेट के राजस्व विभाग में पदस्थ अपर डिवीजन क्लर्क प्रदीप उपाध्याय ने सोमवार को अपने कमरे में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। क्लर्क ने अपने सुसाइड नोट में तीन एडीएम स्तर के अफसरों पर उन्हें प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। मौके पर पहुंची पुलिस ने दो पन्ने का सुसाइड नोट जब्त किया है, जिसमें दोषियों पर कार्रवाई करने राज्य सरकार और कांग्रेस पार्टी से अपील का उल्लेख है।

इस घटना को लेकर ब्राह्मण समाज में भारी आक्रोश है। शासकीय दफ्तर में जातिसूचक शब्द कहकर एडीसी को अपमानित करने के मामले को लेकर सामाजिक स्तर पर मंथन किया जा रहा है। साथ ही समाज इस मामले में एफआईआर दर्ज कराकर शासन-प्रशासन से उच्च स्तरीय जांच करने की मांग कर रहा है।
उच्च स्तरीय जांच होः कर्मचारी संघ
तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष जी आर चंद्रा ने मुख्यमंत्री साय और गृहमंत्री विजय शर्मा से मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि प्रदीप ने सीनियर अधिकारियों से प्रताड़ित होकर आत्महत्या जैसा कदम उठाया है। सुसाइड नोट में उन्होंने रायपुर जिला और तहसील दफ्तर के तीन डिप्टी कलेक्टर और एक स्टेनो को जिम्मेदार बताया है। हाल ही में बलरामपुर में एक स्वास्थ्यकर्मी ने थाने में आत्महत्या कर ली। इन घटनाओं को लेकर कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है। इसे दूर करने जांच और दोषियों पर कार्यवाही आवश्यक है।

ब्राह्मण समाज ने दी श्रद्धांजलि
कान्यकुब्ज ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष अरूण शुक्ला, सरयूपारीण ब्राम्हण समाज के अध्यक्ष डॉ. सुरेश शुक्ला और सदस्यों ने उपाध्याय के परिजनों से मिलकर श्रद्धांजलि अर्पित की। समाज ने पुलिस से गंभीरतापूर्वक जांच की मांग की है। साथ ही कार्रवाई नहीं होने पर समाज की ओर से राज्यपाल, मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, न्यायपालिका के समक्ष जाकर न्याय की मांग की जाएगी। इस दौरान बार एसोसिएशन के अध्यक्ष हितेन्द्र तिवारी, राजेन्द्र शर्मा, वीरेंद्र शुक्ला, विजयकांत शर्मा, बैजनाथ मिश्रा, संगमलाल त्रिपाठी, दिनेश शुक्ला, प्रमोद गौतम, उमाकांत मिश्रा, राजू महराज, प्रेम शुक्ला, रमेश शुक्ला आदि मौजूद रहे।
उप-मुख्यमंत्री विजय शर्मा से मिला युवा विप्र संगठन
युवा विप्र संगठन ने तहसील कार्यालय में पदस्थ प्रदीप उपाध्याय की आत्महत्या मामले में सुसाइड नोट के आधार पर जांच की मांग की है। संगठन ने डिप्टी सीएम गृह विजय शर्मा से मुलाकात कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करने और जांच कमेटी का गठन करने पर जोर दिया है। इस दौरान संगठन के अध्यक्ष और सभी पदाधिकारी मौजूद रहे, साथ ही कार्रवाई न होने पर उग्र आंदोलन करने की बात कही है।

सुसाइड नोट में गंभीर आरोप, तीन उच्च स्तरीय अधिकारियों का नाम
सुसाइड नोट में लिखा है- मैं प्रदीप उपाध्याय पूरे होश हवास में यह आत्महत्या पत्र लिख रहा हूं। मुझे पूरी उम्मीद है कि जिन अधिकारियों का नाम है। उन्हें भाजपा सरकार या तो कांग्रेस पार्टी जरूर सजा दिलाएगी। मैं पूरी ईमानदारी कर्तव्य निष्ठा से अपना कार्य कर रहा था। मुझे डायवर्सन शाखा के साथ राजस्व आपदा का काम सौंपा गया था। मुझे परेशान करने के लिए देवेंद्र पटेल तत्कालीन एसडीओ रायपुर आज दिनांक में कलेक्ट्रेट रायपुर में एडीएम है। गजेंद्र ठाकुर अपर कलेक्टर के साथ मिलकर मुझे नजीर शाखा में अतिरिक्त कार्य सौंपा गया।
मैं अपना काम निष्ठा से कर रहा था, लेकिन तत्कालीन एडीएम गजेंद्र ठाकुर, तत्कालीन एडीएम वीरेंद्र बहादुर और एसडीओ देवेंद्र पटेल ने किसी नेता से मेरी फर्जी शिकायत कराकर मेरा खरोरा ट्रांसफर कर दिया। हर अधिकारी से मेरी बुराई की गई, जिससे कलेक्टर के सामने मेरी छवि खराब हुई। लेकिन मेरी शिकायत प्राप्त नहीं होने पर देवेंद्र पटेल और गजेंद्र ठाकुर द्वारा भूमिका बनकर किसी नेता से तत्कालीन कलेक्टर को फोन कर शिकायत कराई गई। मुझे खरोरा ट्रांसफर कर दिया गया। देवेंद्र पटेल द्वारा किसी न किसी रूप से मुझे परेशान किया गया। बार-बार हर अधिकारी के पास मेरी बुराई की।
कलेक्टर गौरव सिंह के सामने भी मेरा इंप्रेशन खराब किया गया। मेरे द्वारा गौरव सिंह से तीन बार आवेदन उनके पास उपस्थित होकर दिया गया, लेकिन कलेक्टर, एडीएम से बात करने के बाद मेरे को बदनाम करने वाला बोलकर मेरे किसी आवेदन में कार्रवाई नहीं की गई। मुझे देवेंद्र पटेल एडीएम, गजेंद्र ठाकुर अपर कलेक्टर द्वारा सभी अधिकारियों के समक्ष बेइज्जती की गई। ब्राह्मण को यहां से भगाओं कहकर बेइज्जत किया गया।
आगे लिखा है- वीरेंद्र बहादुर तत्कालीन अपर कलेक्टर ने मुझे पूरी तरह परेशान किया। तीनों अधिकारी मेरे आत्महत्या करने के दोषी है। इन्हें सख्त से सख्त सजा दी जाए। साथ ही उनकी संपत्ति की जांच साल 2019 से की जाए।