टीआरपी डेस्क। अर्थशास्त्री और प्रधानमंत्री मोदी की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष डॉ. बिबेक देबरॉय का शुक्रवार को निधन हो गया। वे 69 वर्ष के थे। दिल्ली के एम्स अस्पताल की ओर से जारी बयान में बताया गया कि उन्हें आंतों से संबंधित बीमारी (इंटेस्टाइन इन्फेक्शन) थी। उन्होंने सुबह करीब 7 बजे अंतिम सांस ली।

पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित डॉ. देबरॉय नीति आयोग के सदस्य रह चुके थे और उन्होंने नई पीढ़ी के लिए सभी पुराणों का अंग्रेजी में सरल अनुवाद किया था।
डॉ. देबरॉय की प्रारंभिक शिक्षा कोलकाता के रामकृष्ण मिशन स्कूल में हुई। इसके बाद उन्होंने उच्च शिक्षा कोलकाता के प्रेसीडेंसी कॉलेज, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स और कैम्ब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज से प्राप्त की।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लिखा, डॉ. बिबेक देबरॉय जी एक प्रखर विद्वान थे। वे अर्थशास्त्र, इतिहास, संस्कृति, राजनीति, अध्यात्म और अन्य विविध क्षेत्रों में पारंगत थे। अपने कार्यों के माध्यम से उन्होंने भारत के बौद्धिक परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ी। सार्वजनिक नीति में अपने योगदान के अलावा, उन्हें हमारे प्राचीन ग्रंथों पर काम करने और उन्हें युवाओं के लिए सुलभ बनाने में आनंद आता था।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि डॉ. देबरॉय बेहतरीन अर्थशास्त्री थे, जिन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था के विभिन्न पहलुओं पर कार्य किया। उनके पास एक विशेष कौशल था, जिससे उनके लेख और किताबें लोगों को जटिल आर्थिक मुद्दों को आसानी से समझने में मदद करती थीं।
उन्होंने डॉ. देबरॉय को संस्कृत के सच्चे ज्ञाता के रूप में याद करते हुए कहा कि उनके अनुवाद में महाभारत के 10 खंड, रामायण के 3 खंड और भागवत पुराण के 3 खंड शामिल हैं। उन्होंने भगवद्गीता और हरिवंश का भी अनुवाद किया था।
जयराम रमेश ने कहा, मैं बिबेक देबरॉय को लगभग चार दशकों से जानता था। हम सभी प्रकार के विषयों पर बातचीत करते थे। हाल ही में, मैंने उन्हें दो किताबें भेजी थीं, जिनके बारे में मुझे पता था कि वे उन्हें पसंद करेंगे। उन्हें हमेशा याद किया जाएगा।