टीआरपी डेस्क। जनसुराज के संयोजक और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने हाल ही में एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। बिहार के बेलागंज में एक रैली के दौरान उन्होंने बताया कि जब वह किसी राजनीतिक दल या नेता के लिए चुनावी रणनीति बनाते थे, तो उनकी फीस 100 करोड़ रुपये से अधिक होती थी। इस बयान से राजनीतिक हलकों में चर्चा गर्म हो गई है।
बिहार उपचुनाव में जनसुराज की पहली भागीदारी
प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज ने बिहार के चार विधानसभा क्षेत्रों बेलागंज, इमामगंज, रामगढ़, और तरारी में होने वाले उपचुनाव में उम्मीदवार उतारे हैं। यह पहली बार है जब जनसुराज बिहार में किसी चुनावी मुकाबले में उतरी है। प्रशांत किशोर लगातार जनसभाएं कर जनता को अपनी पार्टी के उद्देश्यों से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं।
पहली बार किया फीस का खुलासा
बेलागंज की रैली में किशोर ने बताया कि उनसे अक्सर पूछा जाता है कि उनका चुनावी अभियान कैसे फंड किया जाता है। इस पर उन्होंने पहली बार अपनी फीस के बारे में खुलासा किया। उन्होंने कहा कि जब वह किसी पार्टी के लिए काम करते थे, तो उनकी फीस 100 करोड़ रुपये से अधिक होती थी। इस बयान से उनके विरोधियों के सवालों पर विराम लग गया है।
दस राज्यों में सफल रणनीति का दावा
प्रशांत किशोर ने अपने संबोधन में कहा कि उनकी सलाह से बनाई गई सरकारें आज देश के दस राज्यों में कार्यरत हैं। उन्होंने कहा, जब हमारी बनाई सरकारें दस राज्यों में चल रही हैं, तो अपने अभियान के लिए साधन जुटाना कोई मुश्किल काम नहीं है।
एक दिन की सलाह से हो जाता है फंड का इंतजाम
प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि उनके लिए दो साल तक पार्टी के प्रचार के लिए संसाधनों का प्रबंधन करना मुश्किल नहीं है। हम एक चुनाव में सलाह देकर एक ही दिन में पूरी जरूरत का पैसा जुटा लेते हैं, उन्होंने विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा।
उपचुनाव में बढ़ी प्रतिस्पर्धा
बिहार के उपचुनाव में जनसुराज के उतरने से राजनीतिक प्रतिस्पर्धा तेज हो गई है। किशोर का यह राजनीतिक सफर उनके समर्थकों के लिए उत्साहजनक और विरोधियों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है। अब देखना यह है कि यह भागीदारी जनता पर कितना प्रभाव डालती है और उपचुनाव के नतीजे किसके पक्ष में जाते हैं।