रायपुर। छत्तीसगढ़ के मोहला जिले में नक्सलवाद से प्रभावित परिवार अब न्याय की मांग के लिए सड़क पर उतरने को मजबूर हैं। वर्षों से सरकार और प्रशासन से आवास और बुनियादी सुविधाओं की मांग करने वाले नक्सल पीड़ित परिवारों की महिलाएं सफेद साड़ी पहनकर न्याय यात्रा की शुरुआत करने जा रही हैं। इस पद यात्रा का मार्ग बस्तर से शुरू होकर रायपुर स्थित गृहमंत्री निवास तक पहुंचेगा, जहाँ पीड़ित परिवार अपनी लंबित मांगों को उठाएंगे।

प्रदेश स्तरीय सम्मेलन 24 नवंबर को कांकेर में

नक्सल पीड़ित संगठन के नेता धीरेंद्र साहू ने बताया कि छत्तीसगढ़ के कांकेर में 24 नवंबर को नक्सल प्रभावित परिवारों का प्रदेश स्तरीय सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। कांकेर के बस स्टैंड मेला ग्राउंड में होने वाले इस सम्मेलन में राज्य के विभिन्न नक्सल प्रभावित क्षेत्रों से परिवार हिस्सा लेंगे और रायपुर तक न्याय यात्रा के लिए पद यात्रा की तारीख तय की जाएगी।

इन जिलों से समर्थन प्राप्त

इस सम्मेलन में मोहला, मानपुर, अंबागढ़ चौकी, राजनांदगांव, खैरागढ़, बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, बस्तर, धमतरी, जगदलपुर, कोंडागांव, गरियाबंद और कांकेर जिलों से नक्सल पीड़ित परिवार शामिल होंगे। इन परिवारों ने नक्सली हिंसा में अपने प्रियजनों को खोने के बाद अपनी जमीन, घर और गांव छोड़ने को मजबूर हो गए थे और अब वे कच्चे मकानों में जिला और तहसील मुख्यालयों में जीवन यापन कर रहे हैं।

सड़क पर न्याय की आवाज

नक्सली हिंसा में अपनों को खोने के बाद से ये परिवार स्थायी आवास और बुनियादी सुविधाओं की लगातार मांग कर रहे हैं। इन पीड़ित परिवारों की महिलाएं सफेद साड़ी पहनकर रायपुर तक पद यात्रा करने का संकल्प ले चुकी हैं, ताकि अपनी न्याय की लड़ाई को और अधिक मजबूती से उठाया जा सके।