रायपुर। छत्तीसगढ़ प्रदेश राइस मिल एसोसिएशन की बैठक राजधानी में हुई। इसमें प्रदेश कार्यकारिणी के समस्त पदाधिकारी के साथ 33 जिलों के अध्यक्ष महामंत्री भी शामिल हुए। बैठक में मिलर्स के पुराने भुगतान के साथ ही खरीफ विपणन वर्ष 24- 25 की पॉलिसी को लेकर भी विस्तार से चर्चा हुई।
प्रदेश के मिलर्स का कहना कि हमारे पास बैंक गारंटी बनाने के लिए पैसा नहीं है। भाड़ा बिजली बिल हमाली अन्य खर्च के लिए भी अब तकलीफ़ हो रही है। प्रदेश में लगभग 60% मिलर छोटे है जिनके पास ज़्यादा लागत नहीं है वो अभी गंभीर समस्या का सामना कर रहे है। दरअसल सरकार ने पुरानबे बकाये का भुगतान नहीं किया है, जिसके चलते यह समस्या आ रही है।
‘पॉलिसी की खामियां दूर करे सरकार’
इस बैठक में समस्त जिले से आए हुए 200 से अधिक पदाधिकारियों ने अपनी बात रखी। यह कहा गया कि जब तक पूर्व भुगतान वर्ष 22-23 तक मिलर्स को नहीं किया गया है। साथ ही खरीफ विपणन वर्ष 24-25 में जो पॉलिसी में खामियां हैं जैसे प्रोत्साहन राशि में कमी धान में पेनल्टी चावल जमा में पेनल्टी बैंक गारंटी सीसीटीवी कैमरा लगाना धान तौल कर ना देना। इन सभी को दुरुस्त किया जाये।
कस्टम मिलिंग कर पाने में जताई असमर्थता
इस दौरान मिलर्स ने प्रदेश अध्यक्ष योगेश अग्रवाल को कस्टम मिलिंग कर पाने में असमर्थता बाबत पत्र सौंपा। अग्रवाल ने अपने उद्बोधन में सभी जिले के पत्रों के साथ मुख्यमंत्री एवं मंत्रियों को अवगत कराते हुए जल्द से जल्द उपरोक्त समस्याओं का निराकरण करने की बात कही।