टीआरपी डेस्क। सऊदी अरब में इस साल 100 से अधिक विदेशी नागरिकों को फांसी दी गई है। यह जानकारी मानवाधिकार संगठन के हवाले से समाचार एजेंसी एएफपी ने दी है। आंकड़ों के अनुसार, यह संख्या पिछले तीन वर्षों की तुलना में तीन गुना अधिक है।
ताजा मामला
शनिवार को दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्र नजरान में एक यमनी नागरिक को ड्रग तस्करी के आरोप में फांसी दी गई। इसके साथ ही इस साल फांसी की सजा पाने वाले विदेशियों की संख्या 101 हो गई है।
बीते वर्षों का आंकड़ा
साल 2022 और 2023 में क्रमशः 34 विदेशी नागरिकों को सऊदी अरब में फांसी दी गई थी। यूरोपियन-सऊदी ऑर्गनाइजेशन फॉर ह्यूमन राइट्स (ESOHR) के कानूनी निदेशक ताहा अल-हज्जी ने कहा कि यह पहली बार है जब सऊदी अरब ने एक साल में इतनी बड़ी संख्या में विदेशियों को फांसी दी है।
दुनिया में सऊदी अरब की रैंकिंग
एमनेस्टी इंटरनेशनल के मुताबिक, फांसी देने के मामलों में सऊदी अरब दुनिया में तीसरे स्थान पर है। पहले दो स्थान पर चीन और ईरान हैं।
किन देशों के नागरिकों को मिली सजा?
फांसी पाने वाले विदेशी नागरिकों में निम्नलिखित देशों के लोग शामिल हैं:
- पाकिस्तान: 21
- यमन: 20
- सीरिया: 14
- नाइजीरिया: 10
- मिस्र: 9
- जॉर्डन: 8
- इथियोपिया: 7
- सूडान, भारत, अफगानिस्तान: 3-3
- श्रीलंका, इरिट्रिया, फिलीपींस: 1-1
भारतीय नागरिकों की स्थिति
इस साल तीन भारतीय नागरिकों को भी फांसी दी गई है। हालांकि, उनके मामलों में सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं है। ज्यादातर मामलों में आरोप ड्रग तस्करी और हत्या से संबंधित हैं। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और राजनयिकों का कहना है कि विदेशी नागरिकों को अक्सर निष्पक्ष सुनवाई का मौका नहीं मिलता। बड़े ड्रग गिरोह इन व्यक्तियों का इस्तेमाल करते हैं। गिरफ्तारी के बाद से फांसी तक का सफर आरोपियों के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण होता है, जहां अपनी बात रखने में उन्हें भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।