कवर्धा। लोहारीडीह आगजनी-हत्याकांड की गहन जांच के बाद अब नए तथ्य सामने आये हैं। दरअसल कवर्धा पुलिस ने इन मामलों में गिरफ्तार 167 में से 32 लोगों को निर्दोष माना है, और अब जिला अदालत में उनकी रिहाई के लिए आवेदन भी कर दिया है।

कवर्धा के प्रभारी एसपी धर्मेन्द्र सिंह छवई ने मीडिया को बताया कि लोहारीडीह प्रकरण की जांच में कई लोग ऐसे हैं जिनका हत्या-आगजनी मामले से कोई लेना देना नहीं था। ऐसे लोग चिन्हित कर लिए गए हैं। चालान में इसका जिक्र कर जिला अदालत में रिहाई के लिए आवेदन दिया गया है।

निर्दोषों में महिलाएं भी शामिल

पुलिस द्वारा बताया गया है कि जिन 167 लोगों को लोहारीडीह आगजनी-हत्या मामले में आरोपी बनाया गया, उनमें महिलाएं भी हैं। ये सभी जेल में बंद हैं। जांच के बाद जिन 32 लोगों का हत्या-आगजनी मामले से कोई लेना देना नहीं पाया गया, उनमें महिलाएं भी शामिल हैं। जल्द ही इन सभी को रिहा किया जा सकता है।

फांसी पर लाश मिलने के बाद मचा था बवाल

कवर्धा के रेंगाखार इलाके के लोहारीडीह गांव में सरपंच कचरू उर्फ शिवकुमार साहू की बालाघाट जिले में संदिग्ध अवस्था में लाश मिली थी। शिवकुमार साहू की गांव के ही पूर्व उपसरपंच रघुनाथ साहू से विवाद चल रहा था। ग्रामीणों ने शिवकुमार साहू की हत्या की आशंका जताई थी, और फिर 15 सितंबर को रघुनाथ के घर हमला कर दिया। उसके घर को जला दिया गया। घर पर उस वक्त रघुनाथ साहू मौजूद थे और उनकी जलकर मौत हो गई।

हिरासत में हो गई थी युवक की मौत

पुलिस ने इस पूरे मामले में 167 लोगों को गिरफ्तार किया। हिरासत के दौरान प्रशांत साहू नामक युवक की मौत हो गई। इस पूरे मामले की दंडाधिकारी जांच चल रही है। आरोप लगाया गया कि पुलिस द्वारा की गई पिटाई से उसकी मौत हुई है।

कांग्रेस ने गिरफ्तारियों पर उठाया था संदेह

इस मामले में 167 लोगों की गिरफ्तारी पर भी सवाल उठाए जा रहे थे। कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि कई ऐसे लोगों को गिरफ्तार किया गया जिनका प्रकरण से कोई लेना देना नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बार-बार इस मुद्दे को उठाते हुए कहा था कि गिरफ्तार लोगों में ऐसे लोग भी शामिल हैं जो घटना के वक्त गांव में ही नहीं थे। ग्रामीणों ने भी इस मुद्दे को शासन के समक्ष रखते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की थी।

गिरफ्तार लोगों पर 103 ए, हत्या, 102 (2) मॉब लिचिंग से हत्या, 238 (ए), 191 बी दंगा कराना जैसी आधा दर्जन से अधिक धाराएं लगी है। यह भी आरोप लगाया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में से पांच लोग कचरू साहू के पोस्टमार्टम के लिए मध्यप्रदेश गए थे। उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गया। अब निर्दोष पाए गए 32 लोगों के न्यायालय के आदेश से जल्द ही रिहा होने की उम्मीद है।