नेशनल डेस्क। हर साल 21 नवंबर को वर्ल्ड टेलीविजन डे मनाया जाता है। यह दिन टेलीविजन के योगदान और इसके विश्वभर पर पड़ने वाले प्रभाव को सम्मानित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 1996 में घोषित किया गया था। टेलीविजन केवल मनोरंजन का साधन नहीं है, बल्कि यह सूचना, शिक्षा और जागरूकता का भी एक शक्तिशाली माध्यम है। आइए जानते हैं टेलीविजन के इतिहास और इसके विकास की कहानी।

टेलीविजन का मतलब क्या है?

टेलीविजन शब्द ग्रीक और लैटिन शब्दों से लिया गया है। ‘टेली’ का अर्थ है ‘दूरी’ और ‘विजन’ का अर्थ है ‘देखना’। यानी टेलीविजन वह माध्यम है, जो दूर की घटनाओं को भी हमारे सामने दिखाता है।

टेलीविजन का आविष्कार: जॉन लोगी बेयर्ड का सपना

  • टेलीविजन के आविष्कार का श्रेय जॉन लोगी बेयर्ड को जाता है, जिन्होंने 1925 में पहली बार लंदन में टेलीविजन का प्रदर्शन किया।
  • स्कॉटलैंड में 13 अगस्त 1888 को जन्मे जॉन लोगी बेयर्ड ने 1924 में एक बक्से, सिलाई की सुई, पंखे की मोटर और बिस्कुट के टिन से पहला टेलीविजन बनाया।
  • 1928 में, उन्होंने दुनिया के पहले रंगीन टेलीविजन का आविष्कार किया।
  • इसी दौरान, फिलो फार्न्सवर्थ ने 1927 में पहला कार्यात्मक टेलीविजन बनाया।

भारत में टेलीविजन का सफर

  • भारत में टेलीविजन का आगमन 15 सितंबर 1959 को हुआ।
  • शुरुआती दिनों में ब्लैक एंड व्हाइट टेलीविजन का उपयोग केवल शिक्षा और ग्रामीण विकास के लिए किया जाता था।
  • 1975 में इसका नाम बदलकर दूरदर्शन रखा गया, जो आज भी भारत के सरकारी चैनल के रूप में जाना जाता है।
  • 15 अगस्त 1982 को, तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने भारत में रंगीन टेलीविजन की शुरुआत की।

टेलीविजन के ऐतिहासिक पल

  • 1962: सैटेलाइट प्रसारण की शुरुआत, जिससे अंतरराष्ट्रीय प्रसारण संभव हुआ।
  • 1965: दूरदर्शन पर पहला समाचार बुलेटिन प्रसारित हुआ।
  • 1975: सैटेलाइट के माध्यम से 2400 गांवों तक टेलीविजन सेवाएं पहुंचाई गईं।
  • 1982: एशियाई खेलों के दौरान भारत में रंगीन टेलीविजन का प्रसारण शुरू हुआ।

मनोरंजन का सबसे सस्ता साधन

  • ब्लैक एंड व्हाइट टीवी से लेकर आज के स्मार्ट टीवी तक, टेलीविजन ने लंबा सफर तय किया है।
  • पहले के भारी-भरकम टीवी अब हल्के और पतले हो गए हैं।
  • तकनीकी विकास के साथ एलईडी, प्लाज्मा स्क्रीन और इंटरनेट से जुड़े स्मार्ट टीवी ने इसे और उन्नत बनाया।
  • आज भी यह सबसे सस्ता और लोकप्रिय मनोरंजन का साधन है।

रिमोट कंट्रोल का आविष्कार

टेलीविजन के रिमोट कंट्रोल का आविष्कार 1955 में यूजीन पोली ने किया। शिकागो के रहने वाले पोली ने फ्लैश मैटिक नामक डिवाइस बनाई, जो रिमोट कंट्रोल का पहला रूप थी।

वर्ल्ड टेलीविजन डे का महत्व

टेलीविजन केवल मनोरंजन का जरिया नहीं है, यह शिक्षा, जागरूकता और संवाद का एक शक्तिशाली माध्यम भी है। यह दिन हमें टेलीविजन के प्रभाव और इसके माध्यम से होने वाले सकारात्मक बदलावों की याद दिलाता है।