रायपुर। छत्तीसगढ़ के चर्चित जिला खनिज निधि (DMF) घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ा कदम उठाते हुए ठेकेदार मनोज कुमार द्विवेदी को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरफ्तारी निलंबित IAS अधिकारी रानू साहू के कथित करीबी और इस घोटाले के मुख्य पात्रों में से एक मानी जा रही है।

माया वारियर की पूछताछ से हुआ खुलासा

सूत्रों के अनुसार, मनोज कुमार द्विवेदी की गिरफ्तारी ED की माया वारियर से पूछताछ के दौरान मिले महत्वपूर्ण सबूतों के आधार पर हुई है। जांच में पता चला कि मनोज द्विवेदी ने DMF परियोजनाओं में ठेके दिलाने के नाम पर अवैध वसूली की। इस वसूली का एक बड़ा हिस्सा IAS रानू साहू तक पहुंचाने का आरोप है। जानकारी के मुताबिक, द्विवेदी ने अन्य ठेकेदारों से लगभग 12 करोड़ रुपये जुटाए और माया वारियर के जरिए इसे रानू साहू तक पहुंचाया।

ठेकेदार ने खुद कमाए करोड़ों

जांच में यह भी सामने आया है कि मनोज द्विवेदी ने इस घोटाले के जरिए खुद भी भारी मुनाफा कमाया। बताया गया कि वह उद्गम सेवा समिति नाम से एक NGO चलाता है, और वसूली गई रकम में से करीब 7-8 करोड़ रुपये उसने अपने पास रखे। यह भी गौरतलब है कि ED पहले भी कई बार मनोज द्विवेदी से पूछताछ कर चुकी है।

माया वारियर पहले ही गिरफ्त में

इस मामले में ED ने माया वारियर को पहले ही गिरफ्तार किया था। उसकी पूछताछ के आधार पर ही मनोज द्विवेदी के खिलाफ कार्रवाई तेज हुई। माना जा रहा है कि इस मामले में कई और बड़े नाम सामने आ सकते हैं, जिससे घोटाले की परतें खुलेंगी।