रायपुर। महात्मा गांधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय को दिसंबर के अंत तक नया कुलपति मिल सकता है। इस बार कुलपति चयन प्रक्रिया में एक नया आयाम जोड़ा गया है, जिसमें उम्मीदवारों को प्रेजेंटेशन देना होगा। चयन प्रक्रिया में यह पहली बार हो रहा है कि उम्मीदवार अपने अकादमिक और प्रबंधकीय अनुभवों को साझा करेंगे और विश्वविद्यालय के लिए अपने विजन को प्रस्तुत करेंगे।

चयन प्रक्रिया में प्रेजेंटेशन का नया दौर
कुलपति पद के दावेदारों को प्रेजेंटेशन के लिए अलग से सूचना भेजी जाएगी। इसमें उम्मीदवारों को यह बताना होगा कि उन्होंने अब तक अपने कार्यकाल में क्या-क्या उपलब्धियां हासिल की हैं। इसके अलावा, वे विश्वविद्यालय के विकास और भविष्य के लिए अपने विचार और योजनाएं भी साझा करेंगे। प्रेजेंटेशन के बाद, तीन नामों को शॉर्टलिस्ट किया जाएगा और अंतिम चयन के लिए पैनल को भेजा जाएगा। कुलपति चयन के लिए गठित कमेटी को छह सप्ताह का समय दिया गया था, जिसमें से चार सप्ताह बीत चुके हैं। शेष प्रक्रिया अगले दो सप्ताह में पूरी कर लेने की उम्मीद है।
18 उम्मीदवारों में तीन बाहरी
कुलपति पद के लिए कुल 18 आवेदन प्राप्त हुए हैं, जिनमें से 15 छत्तीसगढ़ के स्थानीय उम्मीदवार हैं और तीन अन्य राज्यों से आवेदन आए हैं। इनमें इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति रह चुके प्रो. सेंगर, प्रो. लाखपाल, प्रो. श्रीवास्तव, अनिल दीक्षित, अजय वर्मा, और प्रो. टूटेजा जैसे नाम शामिल हैं।
पहले की नियुक्ति में नियमों की हुई थी अनदेखी
पूर्व कुलपति डॉ. रामशंकर कुरील को सहायक प्राध्यापकों की भर्ती में अनियमितता के आरोपों के बाद पद से हटा दिया गया था। जांच में पाया गया था कि यूजीसी के नियमों की अनदेखी कर कम योग्य उम्मीदवारों को चयनित किया गया, जबकि योग्य उम्मीदवार वंचित रह गए। इसके बाद रायपुर संभाग के कमिश्नर डॉ. संजय अलंग को प्रभारी कुलपति नियुक्त किया गया।