नई दिल्ली। Justice Shekhar Yadav: राज्यसभा में विपक्षी दलों के सदस्यों ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश शेखर कुमार यादव पर सांप्रदायिक सद्भावना बिगाड़ने का आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ राज्यसभा सचिवालय को महाअभियोग का नोटिस दिया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने न्यायमूर्ति यादव के कथित विवादास्पद बयानों पर समाचार रिपोर्टों का संज्ञान लिया। कोर्ट ने इस मुद्दे पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय से जानकारी मांगी।

Justice Shekhar Yadav: सूत्रों के अनुसार राज्यसभा में विभिन्न विपक्षी दलों के 55 सदस्यों ने राज्यसभा के महासचिव से मुलाकात की और उन्हें न्यायमूर्ति यादव के खिलाफ महाभियोग का नोटिस दिया। नोटिस पर हस्ताक्षर करने वाले सदस्यों में निर्दलीय कपिल सिब्बल, कांग्रेस के विवेक तंखा, दिग्विजय सिंह, पी चिदम्बरम, जयराम रमेश,मार्क्सवादी जॉन ब्रिटास,राजद के मनोज झा, तृणमूल के साकेत गोखले, सपा के जावेद अली खान और भाकपा संदोष कुमार शामिल हैं।
Justice Shekhar Yadav: जस्टिस यादव के खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू करने की मांग करते हुए न्यायाधीश (जांच) अधिनियम, 1968 और संविधान के अनुच्छेद 218 के तहत प्रस्ताव के लिए नोटिस पेश किया गया है। नोटिस में कहा गया कि विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के कार्यक्रम में न्यायमूर्ति की ओर से दिए गए भाषण या व्याख्यान से प्रथम दृष्टया पता चलता है कि उन्होंने भारत के संविधान का उल्लंघन करते हुए नफरत फैलाने वाला भाषण दिया और सांप्रदायिक विद्वेष को भड़काया।
Justice Shekhar Yadav:नोटिस के मुताबिक, ‘न्यायाधीश ने प्रथम दृष्टया अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया और उनके खिलाफ पूर्वाग्रह-पक्षपात जाहिर किया। जज ने समान नागरिक संहिता से संबंधित राजनीतिक मामलों पर सार्वजनिक बहस में भाग लिया या सार्वजनिक रूप से अपने विचार व्यक्त किए, जो न्यायिक जीवन के मूल्यों के पुनर्कथन, 1997 का उल्लंघन है।
Justice Shekhar Yadav: क्या है मामला
विश्व हिंदू परिषद के आठ दिसंबर को आयोजित एक समारोह में न्यायमूर्ति यादव ने कथित तौर पर कहा था कि समान नागरिक संहिता का मुख्य उद्देश्य सामाजिक सद्भाव, लैंगिक समानता और धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा देना है। एक दिन बाद न्यायाधीश के कथित भड़काऊ मुद्दों पर बोलने वाले वीडियो सोशल मीडिया पर आए। इसके बाद विपक्षी नेताओं सहित कई हलकों से कड़ी प्रतिक्रियाएं सामने आईं।