रायपुर। जेम के स्कैम सीरीज में एक बार फिर अजीबो-गरीब शर्त देखने को मिली है। DMF फंड से खरीदी करने स्कूल शिक्षा विभाग ने इंटरएक्टिव पैनल (Smart TV) की सप्लाई के लिए जेम पोर्टल पर एक हजार करोड़ रूपए से ज्यादा के टर्न ओवर की शर्त रखी है। साथ ही एक साथ चार हजार यूनिट पैनल की सप्लाई करने का अनुभव मांगा गया है। जबकि जेम के नियमानुसार OEM का टर्न ओवर टेंडर मूल्य से 400 प्रतिशत से अधिक नहीं मांगा जा सकता है। यानी 50 लाख के टेंडर के लिए 2 करोड़ के टर्न ओवर से ज्यादा की शर्त नहीं रखी जा सकती है, जबकि यह लगभग 25 लाख रूपए का टेंडर है। वहीं, कोई भी बिड 90 दिनों तक वैध होती है लेकिन यहां ऐसा नहीं किया गया। इन नियम-शर्ताें को देखकर यही लगता है कि टेंडर किसी चहेते फर्म को एल-1 बनाने के लिए ही निकाली गई है।

दरअसल, स्कूल शिक्षा विभाग ने सूरजपुर के स्कूलों के लिए इंटरएक्टिव पैनल (Smart TV) खरीदी के लिए जेम पोर्टल में टेंडर डाला है। शर्त के अनुसार सप्लायर को एक साथ 4000 यूनिट की सप्लाई करने का अनुभव मांगा गया है, जो कि केवल 13 यूनिट स्क्रीन के लिए न्यायोचित नहीं है। इतना ही नहीं, शर्त के अनुसार एक बार जिसे यह टेंडर मिल गया, उस फर्म को आगामी तीन साल विभाग में होने वाली सप्लाई की आपूर्ति करने का प्रावधान रखा गया है। जबकि ऐसे शर्त GeM और CSIDC के नियमों के खिलाफ है।

स्कूल शिक्षा विभाग ने यह सारी शर्तें ATC के माध्यम से जोड़ी है, जिसके चलते यह प्रतीत होता है कि यह टेंडर किसी चहेते फर्म को सप्लाई का काम देने निकाला गया है। साथ ही खरीदार यानी स्कूल शिक्षा विभाग ने एक शर्त और जोड़ा है, जिसमें खरीदार को ऑर्डर संख्या को 25 प्रतिशत तक बढ़ाने का अधिकार दिया गया है। वहीं, सप्लायर को लगातार लाभ पहुंचाने के लिए इन ऑर्डर को स्वीकारने की बाध्यता रखी गई है।
DMF फंड से खरीदी…
सूरजपुर में स्कूलों को स्मार्ट बनाने की दिशा में कलेक्टर ने DMF फंड से इंटरएक्टिव पैनल (Smart TV) की खरीदी करने का निर्णय लिया है। खरीदी शिक्षा विभाग की ओर से होगी जबकि इसका भुगतान DMF फंड से किया जाएगा। यह कलेक्टर के अधिकार क्षेत्र में है कि जिले में होने वाले खर्च को डीएमएफ द्वारा वहन किया जा सकता है।