रायपुर। छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ इलाके में 12 दिसंबर को हुए मुठभेड़ में पुलिस ने 7 नक्सलियों के मारे जाने का दावा किया था। तब किसी भी नागरिक के घायल होने की आधिकारिक सूचना नहीं दी गई थी, लेकिन अब पता चला है कि इस मुठभेड़ के दौरान 4 बच्चे भी घायल हो गए थे। इन्हीं में शामिल एक नाबालिग लड़की गोली लगने से बुरी तरह घायल हो गई जिसका इलाज राजधानी रायपुर के DKS अस्पताल में चल रहा। इस बच्ची का हाल जानने PCC अध्यक्ष दीपक बैज पहुंचे, जिसके बाद उन्होंने पुलिस पर तमाम आरोप मढ़े और कहा कि इस मुठभेड़ में जिन 7 नक्सलियों के मारे जाने की बात कही गई है, उनमें 5 निर्दोष ग्रामीण शामिल थे।

स्थिर बनी हुई है बच्ची की हालत

कांग्रेस पार्टी ने आज रायपुर में अडानी और मणिपुर हिंसा के मसले पर मार्च निकाला, इसके बाद PCC अध्यक्ष दीपक बैज अन्य कांग्रेस नेताओं के साथ घायल बच्ची का हाल जानने के लिए DKS अस्पताल पहुंचे। बैज ने मौके पर मौजूद लड़की के परिजनों से संबंधित घटना की जानकारी ली। लड़की की गर्दन में गोली फंसी हुई है। डॉक्टरों के मुताबिक उसका ऑपरेशन काफी कठिन है।

निर्दोषों पर हमला करने का आरोप

दीपक बैज ने बताया कि जिस स्थल पर पुलिस ने मुठभेड़ होना बताया है, वहां आसपास ग्रामीण रहते हैं। इन्हीं में से कुछ बच्चे उड़द की फसल निकालने का काम कर रहे थे। बैज ने बताया कि एकाएक गोलियां चलने लगी, और लोगों के बीच हलचल मच गई। इस दौरान सुरक्षा बल के जवान गोलियां चलाने लगे। पुलिस का दावा था कि इस मुठभेड़ में 7 इनामी नक्सली मारे गए हैं। उधर कांग्रेस पार्टी का कहना है कि इस मुठभेड़ में केवल 2 नक्सली मारे गए थे, अन्य 5 लोग ग्रामीण थे। वहीं कांग्रेस ने इस मुठभेड़ में बच्चों के घायल होने की बात छुपाने का आरोप पुलिस पर लगाया। इस मौके पर बताया गया कि मुठभेड़ के दौरान गोली लगने से घायल 3 बच्चों का इलाज बस्तर के महारानी अस्पताल में कराने के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई है।

पुलिस का आरोप : नक्सलियों ने बच्चों का ढाल की तरह किया इस्तेमाल

इस मामले को लेकर पुलिस का कहना है कि अबूझमाड़ के ओरछा इलाके में मुठभेड़ हुई जिसमें दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी सदस्य शीर्ष नक्सली रामचंद्र उर्फ कार्तिक को बचाने के लिए नक्सलियों ने नाबालिग बच्चों को ढाल बनाया था। इस मुठभेड़ में नक्सलियों के गोली से चार नाबालिग घायल हो गए हैं। पुलिस की ओर से घायलों के उपचार की व्यवस्था की जा रही है।

नक्सलियों की गोली से बच्चे हुए घायल..?

पुलिस का यह भी कहना है कि नक्सलियों ने नाबालिग बच्चों को सामान ढोने के लिए साथ में रखा था। मुठभेड़ के दौरान इन्हीं ग्रामीणों की आड़ लेकर सुरक्षा बलों पर गोलीबारी की गई थी। बस्तर आईजी सुंदरराज पी. ने बताया कि मुठभेड़ के 6 दिनों बाद पुलिस को जानकारी मिली कि मुठभेड़ के दौरान फायरिंग में 4 नाबालिगों को गोली लग गई, जिनका गांव में ही जड़ी-बूटियों से इलाज किया जा रहा था। इन बच्चों को गांव से निकाल कर उनके इलाज की व्यवस्था की गई है।

बहरहाल पुलिस इस मामले में नक्सलियों पर जिम्मेदारी थोप रही है, वहीं कांग्रेस पार्टी ने पुलिस पर दोष मढ़ते हुए इस मुठभेड़ में बच्चों के घायल होने और 5 ग्रामीणों के मारे जाने के ग्रामीणों के कथन की जांच की मांग की है।