टीआरपी डेस्क। भारत के एयरपोर्ट्स पर यात्रियों को महंगे खानपान की समस्या लंबे समय से परेशान कर रही थी। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान, आम आदमी पार्टी (AAP) के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने एयरपोर्ट्स पर पानी, चाय, स्नैक्स और अन्य उत्पादों के अत्यधिक दामों का मुद्दा उठाया था, जिसे लेकर यात्रियों को असुविधाओं का सामना करना पड़ता है।

जिसके बाद इस मामले में अब सरकार ने उड़ान यात्री कैफे शुरू करने की योजना बनाई है। यह योजना भारत के एयरपोर्ट्स पर खानपान की सस्ती और उचित व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए बनाई गई है। इसका उद्देश्य यात्रियों को महंगे दामों पर पानी, चाय और स्नैक्स खरीदने से बचाना है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने घोषणा की कि इस कैफे की शुरुआत कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से की जाएगी, जो एक पायलट प्रोजेक्ट होगा। यह पायलट प्रोजेक्ट सफल रहने के बाद, इसे अन्य एयरपोर्ट्स पर भी लागू किया जाएगा।

कैफे की विशेषताएं

  • उड़ान यात्री कैफे में पानी की बोतल, चाय, कॉफी, और स्नैक्स वाजिब दामों पर उपलब्ध होंगे, जिससे यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगी और महंगे दामों से राहत मिलेगी।
  • एयरपोर्ट्स पर खानपान के अत्यधिक दामों पर सरकार का यह कदम यात्रियों के लिए एक राहत की तरह देखा जा रहा है।
  • राघव चड्ढा ने इसे सकारात्मक कदम बताते हुए कहा कि यह एक ऐतिहासिक पहल है, और उन्होंने उम्मीद जताई कि इसे अन्य एयरपोर्ट्स पर भी जल्दी लागू किया जाएगा।

राघव चड्ढा ने संसद में एयरपोर्ट्स पर महंगे खानपान का मुद्दा उठाते हुए कहा था, आखिरकार सरकार ने आम जनता की पुकार सुन ली। भले ही शुरुआत कोलकाता एयरपोर्ट से हुई है, लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि इसे जल्द ही देश के बाकी एयरपोर्ट्स पर लागू किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि यात्रियों को एयरपोर्ट्स पर पानी, चाय या कॉफी के लिए 100-250 रुपये तक खर्च नहीं करने पड़ेंगे।

राघव चड्ढा ने यह मुद्दा संसद में उठाया था कि एयरपोर्ट्स पर यात्रियों को महंगे खानपान और खराब प्रबंधन का सामना करना पड़ता है। एक उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा था कि देश के एयरपोर्ट्स पर पानी की बोतल 100 रुपये की मिल रही है। एक कप चाय के लिए भी 200-250 रुपये खर्च करने पड़ते हैं। क्या सरकार एयरपोर्ट्स पर सस्ते और उचित मूल्य की कैंटीन शुरू नहीं कर सकती? उन्होंने यह भी कहा कि अब एयरपोर्ट्स की स्थिति बस अड्डों से भी बदतर हो चुकी है, जहां लंबी कतारों और अव्यवस्थित प्रबंधन के कारण यात्रियों को असुविधा होती है।

महंगी हवाई यात्रा

राघव चड्ढा ने भारतीय वायुयान विधेयक-2024 पर चर्चा करते हुए हवाई यात्रा के बढ़ते खर्च पर भी चिंता जताई थी। उन्होंने कहा कि सरकार ने वादा किया था कि हवाई चप्पल पहनने वालों को हवाई जहाज में यात्रा करवाएंगे, लेकिन अब हालत यह हो गई है कि केवल एक साल में हवाई यात्रा के किराए में भारी वृद्धि हुई है। उन्होंने उदाहरण दिया कि दिल्ली से मुंबई और पटना जैसे सामान्य रूट्स पर टिकटों की कीमतें अब 10,000 से 14,500 रुपये तक पहुंच गई हैं। वहीं, उन्होंने मालदीव और लक्षद्वीप के किराए का उदाहरण देते हुए कहा कि मालदीव का किराया 17,000 रुपये है, जबकि लक्षद्वीप का किराया 25,000 रुपये है, जो कि कहीं ज्यादा है।