बिलासपुर। SECL की कुसमुंडा कोयला परियोजना के लिए अधिग्रहित ग्रामों के लंबित रोजगार प्रकरणों के साथ ही अन्य समस्याओं के निराकरण के लिए भूविस्थापित चरणबद्ध ढंग से आंदोलन कर रहे हैं। इसी कड़ी में आज युवाओं द्वारा SECL के बिलासपुर स्थित मुख्यालय के समक्ष अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया जा रहा है। इनका आरोप है कि SECL प्रबंधन भूविस्थापितों के साथ बार-बार वादाखिलाफी कर रहा है।

छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू विस्थापित रोजगार एकता संघ द्वारा यह प्रदर्शन किया जा रहा है। इनके द्वारा कुसमुंडा क्षेत्र में अपनी मांगों को लेकर लंबे समय से आंदोलन किया जा रहा है। SECL प्रबंधन और प्रशासन के साथ इनकी कई बार वार्ता हो चुकी है, मगर कुछ मांगों का निराकरण प्रबंधन द्वारा नहीं किया जा रहा है। दरअसल पिछले दिनों भूविस्थापितों ने अपनी मांगों को लेकर कुसमुंडा कोयला खदान को बंद कर दिया था। इस दौरान निदेशक(कार्मिक) की उपस्थिति में बैठक हुई और अधिकारी ने एक सप्ताह में रोजगार की कार्यवाही को तेज करने के आश्वाशन दिया लेकिन एल एंड आर, मेन पावर और कुसमुंडा कार्यालय द्वारा भू विस्थापितों संबंधी कार्यों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है।

प्रवेश द्वार बाधित कर यहीं पर किया भोजन

प्रदर्शनकारियों ने यहां SECL मुख्यालय के प्रवेश द्वार को बाधित कर दिया है, वहीं पुलिस ने भी इन्हें भीतर जाने से रोकने के लिए बेरिकेड लगा दिया है। प्रदर्शन के दौरान ही भूविस्थापितों ने मौके पर ही भोजन किया और यहीं डटे रहे।

पहली जनवरी को खदान बंद करने की चेतावनी

भूविस्थापितों ने अपनी मांगों को लेकर SECL के सीएमडी कार्यालय, बिलासपुर के सामने अर्धनग्न प्रदर्शन और कार्यालय के घेराव के बाद 1 जनवरी को कुसमुंडा कोयला खदान में कोयला उत्पादन अनिश्चित काल तक ठप्प करने की चेतावनी दी थी। इसी कड़ी में आज यहां के युवाओं ने अर्धनग्न होकर मुख्यालय के समक्ष प्रदर्शन शुरू किया है। भूविस्थापितों की मांगें इस प्रकार हैं :

1) भू विस्थापित जिनकी जमीन सन 1978 से 2004 तक अर्जन की गई है उन प्रत्येक खातेदार को रोजगार संबंधित प्रक्रिया पूरी कर जल्द रोजगार प्रदान किया जाए।
2) जिन भू विस्थापितों का फाइल बिलासपुर मुख्यालय में है उन्हे तत्काल रोजगार प्रदान किया जाए।
3) पूर्व में अधिग्रहित खमहरिया की जमीन मूल किसानों को वापस की जाए।
4) भैसमाखार के विस्थापितों को बसावट के साथ मूलभूत सुविधाएं प्रदान किया जाए।

कई फर्जी भूविस्थापितों को दे दी नौकरी

SECL की कुसमुंडा ही नहीं, बल्कि गेवरा-दीपका और अन्य कोयला परियोजनाओं में फर्जीवाड़ा करके बड़ी संख्या में अपात्र लोगों को नौकरी दे दी गई है। ऐसे कई मामले उजागर हो चुके हैं और इनमें SECL के स्टाफ और राजस्व अमले की भूमिका उजागर भी हुई है। आंदोलन कर रहे भूविस्थापितों की मांग है कि जांच करके ऐसे फर्जी लोगों को हटाया जाये और पात्र लोगों को नौकरी दी जाये। इसके अलावा पुनर्वास का कार्य भी सही तरीके से किया जाये। छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू विस्थापित रोजगार एकता संघ ने कहा है कि इस बार उनकी बरसों से चल रही लड़ाई इस बार आर-पार की होगी और वे आंदोलन से पीछे हटने वाले नहीं हैं।