Popcorn Tax: जीएसटी काउंसिल की 55वीं बैठक के बाद पॉपकॉर्न पर अलग-अलग टैक्स स्लैब को लेकर बहस छिड़ गई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नमकीन और मीठे पॉपकॉर्न पर अलग-अलग जीएसटी दरें तय की हैं। नमकीन पॉपकॉर्न पर 5% जबकि कैरामेल पॉपकॉर्न पर 18% जीएसटी लगाया गया है। कांग्रेस ने इस फैसले को लेकर सरकार की आलोचना की है।

सोशल मीडिया पर गर्माया मुद्दा

इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर वित्त मंत्री के बयान की चर्चा जोरों पर है। वीडियो में सीतारमण यह स्पष्ट करती नजर आईं कि चीनी से बने और नमकीन पॉपकॉर्न में टैक्स का अंतर क्यों है। सोशल मीडिया यूजर्स ने इस पर मिलीजुली प्रतिक्रियाएं दी हैं।

कांग्रेस का हमला: जटिल है जीएसटी प्रणाली

कांग्रेस ने इसे लेकर जीएसटी प्रणाली को ‘अव्यवस्थित और बेतुका’ करार दिया। जयराम रमेश ने कहा कि सरकार को इसे सरल और पारदर्शी बनाने की जरूरत है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जीएसटी चोरी और फर्जी कंपनियों की समस्या बढ़ रही है, जो प्रणाली की खामियां उजागर करती है।

क्या है नया टैक्स स्लैब?

  • नमकीन पॉपकॉर्न: 5% जीएसटी
  • प्री-पैक्ड नमकीन पॉपकॉर्न: 12% जीएसटी
  • कैरामेल पॉपकॉर्न: 18% जीएसटी

वित्त मंत्री ने स्पष्ट किया कि चीनी या कैरामेल जैसे अवयव पॉपकॉर्न के स्वरूप को बदलते हैं, जिससे वह ‘शुगर कन्फेक्शनरी’ की श्रेणी में आ जाता है।

विपक्ष ने उठाए जीएसटी 2.0 पर सवाल

कांग्रेस ने मोदी सरकार से जीएसटी प्रणाली में सुधार की मांग की है। जयराम रमेश ने कहा कि पॉपकॉर्न जैसी चीजों पर बहस के बजाय सरकार को जीएसटी 2.0 जैसा व्यापक सुधार लाना चाहिए, ताकि उपभोक्ताओं और व्यापारियों को राहत मिले।

जीएसटी प्रणाली पर फिर उठे सवाल

पॉपकॉर्न पर टैक्स विवाद ने जीएसटी प्रणाली की जटिलता पर फिर से सवाल खड़े किए हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को टैक्स प्रणाली को सरल और पारदर्शी बनाना चाहिए, जिससे उपभोक्ताओं और व्यापारियों को फायदा हो और भ्रम की स्थिति खत्म हो।