रायपुर। मध्य प्रदेश के बाघ अब राजस्थान, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के जंगलों में अपनी दहाड़ का परचम लहराएंगे। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस महत्वाकांक्षी योजना को हरी झंडी दी है।

छत्तीसगढ़ को मिलेंगे सबसे ज्यादा बाघ
आदेश के मुताबिक, बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, पेंच टाइगर रिजर्व और कान्हा टाइगर रिजर्व से राजस्थान को 4 मादा बाघ, ओडिशा को एक नर और 2 मादा बाघ दिए जाएंगे। इस तरह छत्तीसगढ़ को 8 बाघ (2 नर और 6 मादा) दिए जाने को मंजूरी दी गई है।
नेशनल टाइगर कंजर्वेशन की मंजूरी अनिवार्य
वन विभाग के पीसीसीएफ शुभोरंजन सेन ने बताया कि शिफ्टिंग प्रक्रिया को अमलीजामा पहनाने के लिए नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) से मंजूरी ली जाएगी। इसके बाद ही बाघों को नए स्थानों पर भेजा जाएगा।
टेरेटोरियल फाइट्स से बचने की कवायद
PCCF शुभोरंजन सेन ने बताया कि केन्द्र से मंजूरी मिलने के बाद बांधवगढ़ (Bandhavgarh National Park), पेंच (Pench National Park) और कान्हा टाइगर रिजर्व (Kanha Tiger Reserves) से इन राज्यों को भेजे जाएंगे। यहां बाघ की संख्या बढ़ने से टेरेटोरियल फाइट्स की स्थिति बनने लगी है।
मध्य प्रदेश बाघों का गढ़
मध्य प्रदेश में इस समय सर्वाधिक 785 बाघ मौजूद हैं। एमपी को टाइगर स्टेट का दर्जा भी मिला हुआ है। यहां सफेद बाघ (White Tiger) बाघ की मौजूद हैं। बाघों की यह प्रजाति अब प्राय: लुप्तप्राय हो चुकी है। एमपी के सर्वाधिक (100 से अधिक) बाघ बांधवगढ़ नेशनल पार्क में हैं।
मध्य प्रदेश को मिला शेरों का जोड़ा
वन्य प्राणी एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत मध्य प्रदेश को हाल ही में शेरों का जोड़ा मिला है। इनके बदले गुजरात सरकार को नंदनी और बांधवगढ़ नाम के दो बाघ सौंपे गए हैं। शेरों को भोपाल के वन विहार में रखा गया है। अब एक सींग वाले गेंडे यानी राइनो और असम से भैसे मंगाए जाने की तैयारी है।