रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने प्रदेश भर के सभी जिलों में चल रही पुलिस एवं वन रक्षक भर्ती प्रक्रिया रद्द करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि अभी तक की भर्ती प्रक्रिया की जांच कराई जाये। साथ ही हैदराबाद की जिस निजी कंपनी को वन और पुलिस विभाग में शारीरिक परीक्षा की जिम्मेदारी दी गई, उसे ब्लेक लिस्टेड किया जाये। बैज ने आरोप लगाया कि कंपनी और सरकार में बैठे हुए लोग मिलीभगत कर करके नौकरियां बेच रहे हैं।

कांग्रेस पार्टी द्वारा जारी प्रेस नोट में कहा गया है कि हैदराबाद की निजी कंपनी को अलग-अलग जिलों में लगभग 6000 आरक्षकों के पदों पर भर्ती के लिए कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है। इसी सरकार में ही पूर्व में इसी कंपनी ने वन रक्षकों की भर्ती में फिजिकल टेस्ट के इवेंट को कवर किया था, उस पर भी अनेकों सवाल उठे, लेकिन आज तक सरकार ने जांच कराना तक जरूरी नहीं समझा। भर्ती प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा सत्ता में बैठे बड़े लोगों के संरक्षण के बिना संभव ही नहीं है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने आरोप लगाया कि राज्य में भाजपा सरकार नौकरियों का व्यापार कर रही है। प्रदेश में वन एवं पुलिस की भर्तियों में बोलियां लग रही। कांग्रेस मांग करती है कि इन भर्तियो को रोक कर पूरी भर्ती प्रक्रिया की सीबीआई से अथवा उच्च न्यायालय के जज से जांच करवाई जाये। प्रदेश के सभी जिलों में चल रही आरक्षक भर्ती और वन विभाग की भर्तियों में खुले आम बोलियां लगाई जा रही हैं। राजनांदगांव में आरक्षक भर्ती के भ्रष्टाचार का खुलासा भी हो चुका है।

फिर से कराया जाये फिजिकल टेस्ट

दीपक बैज ने आरोप लगाया है कि बड़े अधिकारियों और सत्ता रूढ़ नेताओं के चहेतों की भर्तियां सुनिश्चित करने के लिए शारीरिक परीक्षण में अधिक नंबर पक्षपात पूर्वक दिया जा रहा है। हैदराबाद की एक कंपनी को वन एवं पुलिस विभाग में शारीरिक परीक्षण का ठेका दिया गया। कंपनी से मिली भगत करके पूरा गड़बड़ किया जा रहा है। कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि प्रदेश के सभी जिलों की पुलिस एवं वन भर्ती प्रक्रिया को रद्द करके फिर से शारीरिक परीक्षण करवाया जाये।

दूसरे जिलों में भी हुई है गड़बड़ी

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि कोरिया, मनेन्द्रगढ़ वन मंडल में शारीरिक परीक्षा में पक्षपात करने के लिये सभी चहेते उम्मीदवारों को एक ही दिन शारीरिक परीक्षण के लिये बुलवाया गया। इन अभ्यार्थियो का जिस दिन परीक्षण होना था उस दिन उनसे तबयित खराब होने आदि का बहाना बना कर आवेदन लिया गया तथा सभी को एक आरक्षित दिन बुलाया गया। एक ही दिन दौड़ने वाले 40 उम्मीदवारों को चयन सूची में शामिल किया गया, जो उम्मीदवार दौड़ में असफल हुये उनको लंबी कूद तथा गोला फेंक में सर्वाधिक नंबर देकर पात्र बनाया गया। दौड़ में असफल हुये अभ्यर्थी गोला फेंक और लंबी कूद में सर्वाधिक अंक पा गये। राजनांदगांव आरक्षक भर्ती मामले में भी इसी प्रकार की गड़बड़ियां हुई हैं।