टीआरपी डेस्क। मध्य प्रदेश के सागर जिले के बंडा से पूर्व विधायक और भाजपा जिला अध्यक्ष पद के दावेदार हरवंश सिंह राठौर के आवास पर रविवार सुबह आयकर विभाग ने छापेमारी की। भोपाल से आई 10 गाड़ियों में सवार आयकर अधिकारियों की टीम सुबह 8 बजे राठौर के बंगले पर पहुंची। कार्रवाई की खबर से क्षेत्र में हलचल मच गई, और स्थानीय लोग मौके पर जुटने लगे।

हरवंश सिंह राठौर के परिवार का राजनीतिक प्रभाव काफी मजबूत रहा है। उनके पिता हरनाम सिंह राठौर शिवराज सरकार में मंत्री रह चुके हैं, जबकि उनका दूसरा बेटा कुलदीप सिंह भी भाजपा जिला अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी कर रहा है।

आयकर विभाग को मिली थीं शिकायतें

सूत्रों के मुताबिक, आयकर विभाग को राठौर परिवार के बीड़ी व्यवसाय और उनकी संपत्तियों से जुड़े वित्तीय लेन-देन में अनियमितताओं की शिकायतें मिली थीं। बताया जा रहा है कि राठौर परिवार की कई संपत्तियां देशभर में फैली हुई हैं। विभाग को इन संपत्तियों और कारोबार से जुड़े दस्तावेजों में अनियमितताओं का संदेह था, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई।

भ्रष्टाचार पर सरकार का सख्त रुख

राज्य में भ्रष्टाचार के खिलाफ सरकार ने कड़ा रुख अपनाया हुआ है। 23 दिसंबर को एक जनसभा में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने स्पष्ट कहा था कि भ्रष्टाचार करने वालों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार के मामलों में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाएगी।

हाल के दिनों में मध्य प्रदेश में कई बड़े छापों ने भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर किया है। इनमें सबसे चर्चित मामला परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा का है, जिनके पास से करोड़ों की संपत्ति मिली। वहीं, धार जिले के पीथमपुर में आदिम जाति मर्यादित सहकारी संस्था के सहायक प्रबंधक कनीराम मंडलोई के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की शिकायत पर लोकायुक्त की टीम ने दबिश दी, जिसमें 5.6 करोड़ रुपये की संपत्ति का खुलासा हुआ।

राजनीति और प्रशासन पर बढ़ा दबाव

इन छापों और जांचों के बाद राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। भाजपा और विपक्षी दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। विशेषज्ञों का मानना है कि आयकर विभाग की यह कार्रवाई न केवल राठौर परिवार बल्कि राज्य में राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में भी बड़ा संदेश देने वाली है।