कोरबा। जिले के पोड़ी-उपरोड़ा ब्लॉक के एक कन्या छात्रावास में रहकर पढ़ाई कर रही कक्षा 11 वीं की छात्रा प्रेग्नेंट हो गई। देर रात इस छात्रा को प्रसव हुआ और उसने रात में ही नवजात बच्चे को हॉस्टल के पीछे फेंक दिया। आज सुबह जब छात्रा की तबियत बिगड़ी तो उसे पोड़ी के सरकारी हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां मामले का खुलासा हुआ। इस घटना के बाद जिले के शिक्षा महकमे में हड़कंप मच गया है। वहीं कलेक्टर के निर्देश पर छात्रावास अधीक्षिका को सस्पेंड कर दिया गया है।

नवजात को टॉयलेट की खिड़की से फेंका

वार्डन जयकुमारी रात्रे ने बताया कि बच्चे के रोने की आवाज आने पर देखा गया कि छात्रावास के पीछे नवजात पड़ी हुई थी। जांच के दौरान यह बात सामने आई कि 11वीं की एक छात्रा ने प्रसव होने के बाद बाथरूम की खिड़की से उसे नीचे फेंक दिया था।

कड़ाके की ठण्ड में जीवित मिला नवजात

अस्पताल में सख्ती से पूछे जाने पर छात्रा ने बताया कि हॉस्टल के बाथरूम में डिलीवरी होने के बाद उसने बच्चे को पिछवाड़े में फेंक किया था। उसके बाद उक्त स्थान पर जाकर नवजात शिशु को बरामद किया गया। दैवयोग से रात भर कड़कडाती ठंड के बावजूद बच्चा जीवित मिला। उसे अस्पताल में गहन उपचार लाभ दिया जा रहा है। इस मामले की जानकारी मिलते ही प्रशासन में हड़कम्प मचा हुआ है, वहीं जच्चा-बच्चा दोनों को जिला अस्पताल रेफर कराया गया।

छात्रा ने कर दिया इनकार

वार्डन ने नवजात के जन्म के बारे में संबंधित छात्रा से पूछताछ की तो उसने इससे इनकार कर दिया। उसने कहा कि शिशु किसका है, उसे नहीं पता। बाद में छात्रा के माता-पिता को बुलाकर पूछताछ की गई तो उनका कहना था कि बेटी ने पहले कभी भी अपने गर्भवती होने के बारे में कोई सूचना नहीं दी थी।

SNCU में रखा गया है नवजात बच्ची को

प्रीमेच्योर बच्ची को कोरबा के मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के विशेष नवजात शिशु वार्ड (SNCU) में भर्ती किया गया है। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राकेश वर्मा ने बताया कि नवजात लगभग 7 से 8 महीने की गर्भस्थ है। ऑक्सीजन की कमी के कारण कुछ समस्याएं हैं, इसलिए उसे केयर यूनिट में रखा गया है। उसके पैर में भी चोट के निशान हैं। शिशु को ठंड लग गई थी और उसे हीटर से हीट देकर गर्म किया गया है, फिलहाल बच्चे की हालत नाजुक बनी हुई है।

शिक्षा अधिकारी पहुंचे छात्रावास

इस घटना के बाद से छात्रावास में छात्राओं की स्वास्थ्य निगरानी व देखभाल पर सवाल उठ रहे हैं। आखिर छात्रा के गर्भवती होने का पता अधीक्षिका को कैसे नहीं चला? इस मामले की जानकारी लगते ही जिला शिक्षा अधिकारी टीपी उपाध्याय, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी डी लाल व अन्य अधिकारी जांच पड़ताल करने हॉस्टल पहुंच गए। उनके द्वारा विभिन्न बिंदुओं पर जांच की गई।

अधीक्षिका पर की गई कार्यवाही

पौड़ी-उपरोड़ा के हॉस्टल में हुए घटनाक्रम की प्रारंभिक जांच के बाद कलेक्टर के निर्देश पर छात्रावास की अधीक्षिका जय कुमारी रात्रे को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही पूरे मामले की जांच के लिए स्वास्थ्य और महिला बाल विकास विभाग को निर्देशित किया गया है और जांच रिपोर्ट आने उपरांत अग्रिम कार्रवाई की जाएगी। कलेक्टर अजीत वसन्त ने यह जानकारी दी है।

अधीक्षिका ने दी ये जानकारी

छात्रावास अधीक्षिका ने बताया कि आज सुबह करीब 8 बजे छात्रा की तबियत बिगड़ने की जानकारी हुई तो उससे पूछा गया, उसने दस्त की शिकायत बताया लेकिन लक्षण लगे नहीं। माहवारी संबंधी बात पूछने पर होना बताया, तब उसे अस्पताल चलने कहा गया। इस बीच हॉस्टल परिसर से रोने की आवाज आने पर स्टाफ से तलाश कराया गया तो परिसर में टॉयलेट के पीछे नवजात शिशु मिला। इसके बाद उक्त छात्रा के स्वास्थ्य संबंधी लक्षण ठीक नहीं लगे तो अस्पताल ले जाने पर पता चला कि उसी का प्रसव हुआ है।

यह मामला कोरबा जिला मुख्यालय से 42 किलोमीटर दूर उपरोड़ा विकासखंड स्थित गर्ल्स हॉस्टल का है। जिसका संचालन आदिम जाति कल्याण विभाग के द्वारा किया जा रहा है।