0 जिला पंचायतों में OBC को अध्यक्ष पद पर आरक्षण नहीं मिलने की बताई वजह

रायपुर। छत्तीसगढ़ में पिछड़ा वर्ग आरक्षण को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस पार्टी ने भाजपा सरकार पर पिछड़ा वर्ग की उपेक्षा का आरोप लगाया है। वहीं भाजपा का कहना है कि उसके प्रयासों से ही पिछड़ा वर्ग को अधिकतम 50 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा है, जबकि कांग्रेस इसे शून्य करवाना चाहती थी। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि भाजपा की आंतरिक व्यवस्था से अनारक्षित सीटों पर पिछड़ा वर्ग को ज्यादा प्रतिनिधित्व मिलेगा।
‘अनारक्षित सीटों पर OBC को देंगे अधिक मौका’
आज भाजपा प्रदेश कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण देव ने कहा कि हमने इस बात को सुनिश्चित करने का निर्णय लिया है कि अनारक्षित सीटों पर पिछड़े वर्ग को अधिक प्रतिनिधित्व देंगे। उन्होंने कहा कि इससे पहले की स्थिति बहाल रहेगी एवं पिछड़ा वर्ग के प्रतिनिधित्व में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं आएगी।
कांग्रेस हमेशा पिछड़ा वर्ग विरोधी रही : साव
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि कांग्रेस तीन चीजों पर – भय, भ्रम और भ्रष्टाचार पर आधारित राजनीति करती है। अरुण साव ने विस्तार से आरक्षण के प्रावधानों की जानकारी देते हुए कहा कि कांग्रेस हमेशा से ओबीसी विरोधी रही है। साव ने कहा कांग्रेस हमेशा पिछड़ा वर्ग की विरोधी रही है। वह आरक्षण के खिलाफ रही है। तब की कांगेस सरकार द्वारा ‘कालेलकर आयोग’ की अनुशंसा को ठंडे बस्ते में डाल देने के बाद आगे फिर ‘मंडल आयोग’ तक का इंतज़ार करना पड़ा। ओबीसी वर्ग को भाजपा पर्याप्त से ज्यादा सम्मान देगी। चुनाव के बाद ओबीसी वर्ग का प्रतिनिधत्व पूर्व से अधिक होगा।

‘पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग का किया गठन’
अरुण सव ने बताया कि राज्य सरकार ने 16.07.2024 को छत्तीसगढ़ राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग का गठन किया और आयोग ने प्रदेश के पिछड़े वर्ग की वर्तमान सामाजिक, शैक्षणिक तथा आर्थिक स्थिति का अध्ययन कर सुझाव एवं अनुशंसाए दिनांक 24.10.2024 को राज्य शासन को प्रस्तुत किया। उक्त प्रतिवेदन में आयोग द्वारा वर्तमान में पंचायत एवं स्थानीय निकायों में आरक्षण की एकमुश्त सीमा 25% को शिथिल कर अन्य पिछड़ा वर्ग की जनसंख्या के अनुपात में 50% की सीमा तक आरक्षण का प्रावधान का प्रस्ताव दिया गया। उक्त प्रतिवेदन को मंत्रिपरिषद् द्वारा 28.10.2024 को स्वीकृति प्रदान की गई। इसी के मुताबिक छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम 1993, नगर पालिका निगम 1956 एवं नगर पालिका अधिनियम 1961 में सुसंगत धाराओं में संशोधन किया गया। उपरोक्त के अनुसार पंचायतों एवं नगरीय निकायों में आरक्षण किया गया।
अरुण साव ने बताया कि आयोग का गठन करना एवं उसके अनुशंसा को राज्य सरकार द्वारा स्वीकार करना बंधनकारी है। इसी के पालन में मध्यप्रदेश, बिहार, उड़ीसा जैसे राज्यों ने भी अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए पंचायत एवं नगरीय निकायों में प्रावधान करके चुनाव कराया है।
अध्यक्ष पद पर OBC का आरक्षण नहीं होने की बताई वजह
अरुण साव ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में 33 में से 16 जिले अधिसूचित जिले है तथा राज्य में अनुसूचित जाति की जनसंख्या 12.72% है। उस अनुपात में 4 सीटें अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित हुई है। इस तरह से कुल 33 में से 20 सीटें अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हुई, जोकि 50% से अधिक है। इसलिए अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष का कोई पद आरक्षित नहीं हो पाई है। जबकि जिला पंचायत सदस्य, जनपद पंचायत अध्यक्ष, जनपद पंचायत सदस्य, सरपंच, पंच के पदों में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए नियमानुसार पद आरक्षित हुए है। इस प्रकार राज्य सरकार ने जो आरक्षण निर्धारित किया है, वह सर्वोच्च न्यायालय के नियमानुसार ही है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आरक्षण के मुद्दे पर बवाल करने में लगी है। कांग्रेस झूठ और भ्रम फैलाने में लगी है।

झूठ की राजनीति कर रही कांग्रेस : किरण देव
इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष किरण देव ने कहा कि कांग्रेस केवल झूठ की राजनीति करती है, वह मुद्दों के अभाव से जूझ रही है, राजनीतिक पतन की तरफ बढ़ रही है, इसलिए केवल वर्ग संघर्ष की बात करना, प्रदेश में माहौल खराब करने का प्रयास करना, षड्यंत्र करना, यही कांग्रेस का काम रह गया है।
प्रदेश भाजपाध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस ने तो वास्तव में ओबीसी आरक्षण के विरोध में कोर्ट जाने वाले और ओबीसी का आरक्षण रोकने वाले लोगों को पुरस्कृत करने का काम किया है। भाजपा कांग्रेस के सभी षडयंत्र उजागर करती रहेगी और कांग्रेस का झूठ अब चलने वाला नहीं है।
प्रेस वार्ता में मंत्री टंकराम वर्मा, लक्ष्मी राजवाड़े, प्रदेश महामंत्री भरत वर्मा, भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी, सह प्रभारी अनुराग अग्रवाल भी मौजूद रहे।