कोलकाता। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर संजय रॉय को बलात्कार और हत्या के मामले में दोषी ठहराते हुए अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

सजा सुनाने से पहले जज अनिर्बान दास ने संजय रॉय से पूछा, “मैंने शनिवार को तुमसे कहा था कि तुम पर लगे सभी आरोप जैसे बलात्कार और हत्या साबित हो चुके हैं। तुम्हारा क्या कहना है? क्या तुम कुछ और कहना चाहोगे?” इस पर संजय ने कहा, “मुझे बिना किसी कारण के फंसाया गया है। मैं हमेशा रुद्राक्ष की माला पहनता हूं, अगर मैं अपराध करता तो क्राइम सीन पर माला टूट जाती। मुझे बोलने का मौका नहीं दिया गया और कई कागजों पर जबरदस्ती साइन करवाए गए।”

जज ने आगे कहा, “मैंने तुम्हें आधे दिन का समय दिया था और 3 घंटे तक तुम्हारी बात सुनी थी। जो भी आरोप, सबूत, गवाह और दस्तावेज पेश किए गए थे, उनकी पूरी जांच की गई। इसके बाद मैंने तुम्हें दोषी पाया। अब मैं सिर्फ तुमसे सजा के बारे में सुनना चाहता हूं। क्या तुम्हारे परिवार से कोई तुमसे मिलने आता है?” संजय ने बताया कि जेल में रहते हुए उसे कभी भी कोई परिवार का सदस्य नहीं मिला।

कोर्ट ने दो दिन पहले 18 जनवरी को संजय रॉय को दोषी करार दिया था। कोलकाता के सियालदह की सत्र अदालत के जज अनिर्बान दास ने संजय रॉय को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 64 (बलात्कार), 66 (हत्या करने) और 103 (हत्या) के तहत दोषी ठहराया था।

जज ने 57 दिनों की सुनवाई के बाद यह फैसला सुनाया था। कोर्ट ने यह भी कहा कि संजय रॉय को सजा मिलनी चाहिए। इसके बाद संजय रॉय ने जज से सवाल किया, “मुझे फंसाने वाले और लोग क्यों नहीं पकड़े गए?” जज ने जवाब दिया, “मैंने सभी सबूतों और गवाहों को बारीकी से सुना है। फिर भी तुम दोषी पाए गए हो। तुम्हें सजा मिलनी चाहिए।”