जगदलपुर। शव दफनाने को लेकर बस्तर में विवाद बढ़ते जा रहे हैं। मसीही समुदाय के लोग मृतकों के शव का अंतिम संस्कार उन्हें दफनाकर करते हैं और यही विवाद का कारण बनता है। बस्तर में आदिवासी समाज के लोग लगातार इसका विरोध कर रहे हैं और वे यह चाहते है कि मसीही समाज अपने परिजनों का अंतिम संस्कार अपनी जमीन पर करें।

बता दें कि, दाबपाल गांव की रहने वाली 40 वर्षीय धर्मांतरित महिला सुबरो का तीन दिन पहले निधन हो गया था। महिला के परिजन शव को पड़ोस के बेलर गांव में अपनी निजी जमीन में दफनाना चाहते थे। जब वे महिला का शव लेकर बेलर पहुंचे तो आदिवासी समाज ने इसका विरोध किया।
आदिवासी समाज के लोगों का कहना है कि गांव में देवी-देवता का वास है इसलिए दूसरे धर्म के लोगों का शव यहां दफनाने नहीं दिया जाएगा। इस बात पर दोनों पक्षों के बीच विवाद हो गया। यह विवाद बढ़ता गया और नौबत मारपीट तक पहुंच गया और इसमें 11 लोग घायल हो गए।
बस्तर में शव दफनाने को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। कुछ दिनों पहले ही बड़े बोदल गांव में मसीही समाज की महिला की मौत के बाद शव दफनाने को लेकर विवाद हुआ था। यहां आरोपियों ने सरपंच के साथ अन्य लोगों के साथ मारपीट कर उन्हें घायल कर दिया था। पुलिस ने इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया था।