Budget 2025 : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण शनिवार(1 फरवरी) को आठवीं बार बजट पेश कर रही हैं। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल (Modi 3.0) का पहला पूर्ण बजट है। बज में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि, शिक्षा और लघु और मध्यम उद्योग को बढ़ावा देने के विशेष क्रेडिट कार्ड जारी करने का ऐलान किया। बजट में वित्त मंत्री ने किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट 3 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने की घोषणा की। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने AI रिसर्च को बढ़ावा देने के 500 करोड़ रुपए की लागत से एक नया इंस्टीट्यूट स्थापित करने की भी घोषणा की। यहां पढ़ें, बजट 2025 के लाइव अपडेट्स।

सुबह से तैयारियों में जुटी नजर आईं सीतारमण
केंद्रीय वित्त मंत्री शनिवार सुबह से ही बजट की तैयारियों में जुटी नजर आईं। सुबह 8.45 बजे सीतारमण वित्त मंत्रालय पहुंच गई। वित्त मंत्री ने मंत्रालय में आधे घंटे बिताए। इसके बाद सीतारमण राष्ट्रपति भवन के लिए रवाना हो गईं। वित्त मंत्री राष्ट्रपति द्रौपदी मूर्मु को बजट की कॉपी सौंपी। राष्ट्रपति मुर्मू ने सीतारमण को दही-चीनी खिलाई।इसके बाद वह संसद भवन पहुंची। वित्त मंत्री सुबह 11 बजे संसद में अपना बजट भाषण शुरू करेंगी। निर्मला सीतारमण इस बार भी पेपरलेस बजट पेश करेंगी। बता दें कि इससे पहले के चार बजट भी पेपरलेस ही पेश किए गए थे।
- आईआईटी पटना में सुविधाओं का विस्तार
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि आईआईटी पटना में सुविधाओं को आधुनिक बनाने के लिए विशेष पहल की जा रही है। संस्थान में 6,500 अतिरिक्त सीटें जोड़ी जाएंगी, जिससे अधिक विद्यार्थियों को उच्च तकनीकी शिक्षा का अवसर मिलेगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में रिसर्च को बढ़ावा देने के लिए 500 करोड़ रुपए के बजट से एक नया संस्थान स्थापित किया जाएगा। अगले पांच वर्षों में पूरे देश में 75,000 नई सीटें जोड़ी जाएंगी। साथ ही, अगले साल मेडिकल कॉलेजों में 10,000 अतिरिक्त सीटें जोड़ी जाएंगी, जिससे चिकित्सा शिक्षा को और सशक्त बनाया जाएगा। - स्वास्थ्य सुविधाओं में बड़ा बदलाव
स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए सरकार ने सभी जिला अस्पतालों में डे केयर कैंसर सेंटर स्थापित करने की योजना बनाई है। वर्ष 2025-26 तक देशभर में 200 नए कैंसर देखभाल केंद्र बनाए जाएंगे, जिससे गंभीर बीमारियों के इलाज में आसानी होगी। इसके अलावा, शहरी मजदूरों के जीवन स्तर को सुधारने के लिए प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत स्ट्रीट वेंडर्स को दिए जाने वाले लोन की सीमा बढ़ाकर 30,000 रुपये कर दी जाएगी, जिससे वे अपनी आजीविका को और बेहतर बना सकेंगे। - शिक्षा और कौशल विकास को बढ़ावा
शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा सुधार करते हुए स्कूलों और उच्च शिक्षा के लिए भारतीय भाषाओं में पुस्तकें उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे विद्यार्थियों को उनकी मातृभाषा में अध्ययन करने का लाभ मिलेगा। राष्ट्रीय कौशल उत्कृष्टता केंद्र के तहत पांच नए राष्ट्रीय कौशल केंद्र स्थापित किए जाएंगे, जो युवाओं को बेहतर प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर प्रदान करेंगे। आईआईटी की क्षमता विस्तार योजना के तहत देश के 23 आईआईटी संस्थानों में छात्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी, जिससे तकनीकी शिक्षा को और सशक्त बनाया जा सकेगा। - फुटवियर और लेदर उद्योग को विशेष सहायता योजना
सरकार ने फुटवियर और लेदर उद्योग के लिए विशेष सहायता योजना शुरू करने का ऐलान किया है। इसके तहत बिना लेदर वाले फुटवियर के लिए अलग से योजना लाई जाएगी। इससे देश में 22 लाख रोजगार के अवसर सृजित होंगे और 4 लाख करोड़ रुपए का कारोबार होने की संभावना है। खिलौना निर्माण उद्योग को ‘मेक इन इंडिया’ के तहत बढ़ावा देने के लिए नई योजना लाई जाएगी। छोटे उद्यमों को सशक्त बनाने के लिए पांच लाख रुपए की सीमा वाले विशेष क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएंगे, जिसमें पहले साल में 10 लाख कार्ड जारी करने का लक्ष्य रखा गया है। - स्टार्टअप और एमएसएमई सेक्टर के लिए घोषणा
स्टार्टअप सेक्टर को मजबूती देने के लिए सरकार ने एआईएप योजना के तहत 91 हजार करोड़ रुपए से अधिक के सबमिशन प्राप्त किए हैं। इसके अतिरिक्त, 10 हजार करोड़ रुपए का नया अंशदान किया जाएगा। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (एमएसएमई) को मजबूत करने के लिए उनकी वर्गीकरण सीमा को दोगुना किया जाएगा। एमएसएमई उत्पादकों को आर्थिक मदद देने के लिए गारंटी कवर 5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जिससे 1.5 लाख करोड़ रुपये तक का ऋण प्राप्त किया जा सकेगा।
कृषि क्षेत्र और किसानों के लिए घोषणाएं
- किसान क्रेडिट कार्ड पर अब 5लाख तक का लोन
वित्त मंत्री ने घोषणा की कि किसान क्रेडिट कार्ड की ऋण सीमा को 3 लाख से बढ़ाकर 5 लाख किया जाएगा। इसके साथ ही, बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना की जाएगी और किसानों के लिए ‘प्रधानमंत्री धनधान्य योजना’ शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान ‘GYAN’ पर केंद्रित है, जिसका अर्थ है—गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी शक्ति। उन्होंने बताया कि बीते 10 वर्षों में देश ने बहुमुखी विकास किया है और यह यात्रा निरंतर जारी रहेगी। - बिहार में बनेगा मखाना बाेर्ड
वित्त मंत्री सीतारमण ने कहा कि हमारे में बिहार के किसानों के विकास पर ध्यान दिया जाएगा। बिहार में मखाना बाेर्ड का गठन किया जाएगा। इसके तहत मखाना की उन्नत किस्मों को डेवलप करने पर ध्यान दिया जाएगा। - राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन पर जोर
वित्त मंत्री ने कहा कि भारत मछली उत्पादन में दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है और यह उद्योग 60 हजार करोड़ रुपए का विशाल बाजार बन चुका है। सरकार अंडमान, निकोबार और गहरे समुद्र में मछली पकड़ने को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठा रही है। इसके अलावा, कपास उत्पादकता मिशन के तहत कपास की पैदावार में पर्याप्त वृद्धि सुनिश्चित की जाएगी और लंबे रेशे वाली किस्मों को प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी। - बेहतर बीजों के लिए नई पहल
सरकार ‘राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन’ शुरू करेगी, जिसके तहत अनुसंधान और उन्नत खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा। इस मिशन के तहत 100 से अधिक उच्च उत्पादकता वाली बीजों की किस्में किसानों को उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे कृषि क्षेत्र को मजबूती मिलेगी और उत्पादन क्षमता में सुधार होगा। - दलहन के फसल को देंगे बढ़ावा
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार तुअर, उड़द और मसूर के उत्पादन पर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने बताया कि ‘मेक इन इंडिया’, रोजगार सृजन, नवाचार, ऊर्जा आपूर्ति, खेलों का विकास और एमएसएमई का विस्तार सरकार की विकास यात्रा का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जिसे सुधारों के माध्यम से गति दी जा रही है। इस पहल से 1.7 करोड़ किसानों को लाभ मिलने की संभावना है। - कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाएंगे
वित्त मंत्री ने कहा कि राज्यों की भागीदारी से ग्रामीण समृद्धि और अनुकूलन निर्माण को बढ़ावा दिया जाएगा। कौशल विकास और निवेश के माध्यम से कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएंगे। इस योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका के नए विकल्प तैयार करना है, जिसमें युवा किसानों, ग्रामीण महिलाओं और छोटे किसानों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। - तुअर, उड़द और मसूर की खेती को बढ़ावा
योजना के पहले चरण में 100 कृषि प्रधान जिलों को शामिल किया जाएगा। सरकार खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए राष्ट्रीय तेल मिशन चला रही है। वित्त मंत्री ने बताया कि 10 साल पहले किए गए ठोस प्रयासों के चलते भारत ने दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त की थी। इसके बाद से किसानों की आय और आर्थिक स्थिति में काफी सुधार हुआ है। अब सरकार विशेष रूप से तुअर, उड़द और मसूर की खेती को बढ़ावा देने पर काम कर रही है। इस योजना के तहत, केंद्रीय एजेंसियां किसानों के साथ पंजीकरण और करार करेंगी। अगले चार वर्षों में एजेंसियां किसानों द्वारा लाए गए उतने ही दलहन की खरीद करेंगी, जितना वे बाजार में उपलब्ध कराएंगे।