Budget 2025: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025-26 को लेकर एक महत्वपूर्ण खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी टैक्सपेयर्स को राहत देने के पक्ष में थे और इस मुद्दे पर उन्होंने खासतौर से ध्यान देने के लिए कहा था। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब केंद्र सरकार ने बजट में 12 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं देने की घोषणा की है।

सीतारमण ने एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में बताया कि देशभर के लोगों से बातचीत के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि वे टैक्स के मामलों में सरकार से अधिक राहत चाहते थे। उन्होंने कहा, “लोग गर्व से कहते हैं कि वे ईमानदार करदाता हैं और देश की सेवा कर रहे हैं, लेकिन वे चाहते थे कि सरकार उनकी ओर भी ध्यान दे।” वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें इस मुद्दे पर खासतौर से काम करने को कहा।
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि सरकार लंबे समय से डायरेक्ट टैक्स सिस्टम को सरल बनाने पर काम कर रही थी। उन्होंने कहा, “हमने यह विचार किया कि आयकर अधिनियम को अधिक सरल, पालन में आसान और उपयोगकर्ता के अनुकूल कैसे बनाया जाए, ताकि इसमें कोई अस्पष्टता न हो और यह भ्रष्टाचार का कारण न बने।”
क्रय शक्ति को बढ़ावा देने का उद्देश्य
सीतारमण ने यह भी बताया कि इस टैक्स प्रस्ताव का मुख्य उद्देश्य लोगों के हाथ में अधिक पैसा देना था, ताकि उनकी क्रय शक्ति बढ़े और इससे देश की अर्थव्यवस्था को भी लाभ हो।
मध्यम वर्ग के लिए टैक्स कटौती पर जोर
सीतारमण ने बजट को “जनता द्वारा, जनता के लिए और जनता का” बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी पूरी तरह से मध्यम वर्ग के लिए टैक्स कटौती के पक्ष में थे। हालांकि, नौकरशाहों को इस पर सहमत करने में समय लगा। उन्होंने राज्यों से अपील की कि वे वित्त आयोग से संवाद करें और टैक्स वितरण को लेकर केंद्र सरकार पर आरोप लगाने की बजाय सहयोग करें।