रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के लिए बड़ा कदम उठाते हुए राज्यभर के पेट्रोल पंपों पर प्रदूषण जांच केंद्र (पीयूसी सेंटर) स्थापित करने का फैसला किया है। इस पहल से वाहन चालकों को पीयूसी प्रमाण पत्र प्राप्त करने में सुविधा होगी और वायु प्रदूषण नियंत्रण में भी मदद मिलेगी। पेट्रोलियम कंपनियों ने इस योजना को समर्थन देते हुए अपने पंपों पर सेंटर स्थापित करने पर सहमति जताई है।

मुख्यमंत्री की बैठक के बाद लिया गया निर्णय

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 4 फरवरी को परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक में वाहनों से होने वाले वायु प्रदूषण को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिए थे। इसके तहत 7 फरवरी को परिवहन सचिव, परिवहन आयुक्त एस. प्रकाश और अपर परिवहन आयुक्त डी. रविशंकर की अध्यक्षता में महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें पेट्रोल पंपों पर पीयूसी सेंटर खोलने पर सहमति बनी।

पेट्रोलियम कंपनियों की सहमति

बैठक में इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और रिलायंस इंडस्ट्रीज के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया और पेट्रोल पंपों पर पीयूसी सेंटर स्थापित करने के प्रस्ताव को स्वीकार किया। यह निर्णय राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) और केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप लिया गया है, जिससे आमजन के स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

बैठक में ये अधिकारी रहे मौजूद

इस बैठक में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के मुख्य प्रबंधक उपेंद्र गिरी, भारत पेट्रोलियम के चीफ मैनेजर बी. देवकुमार, रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के प्रबंधक श्रेयस गुप्ता, हिंदुस्तान पेट्रोलियम के मुख्य प्रबंधक गौतम कुमार सहित परिवहन विभाग और पेट्रोलियम कंपनियों के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अहम कदम

पेट्रोल पंपों पर प्रदूषण जांच केंद्रों की स्थापना से वाहन चालकों को सुविधा मिलेगी और प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में ठोस कदम उठाया जा सकेगा। यह पहल छत्तीसगढ़ में स्वच्छ वायु और पर्यावरण संरक्षण के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है।