टीआरपी बिजनेस डेस्क। अनिल अंबानी की रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण को लेकर बड़ा फैसला हो गया है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) ने हिंदुजा ग्रुप की कंपनी IIHL की याचिका को मंजूरी दे दी है। सोमवार को हुई सुनवाई में IIHL ने सभी आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत किए और वित्तीय प्रक्रियाओं को पूरा करने की पुष्टि की। अब 26 फरवरी को अंतिम सुनवाई होगी, जिसके बाद रिलायंस कैपिटल और उसकी सहायक कंपनियों का पूरा नियंत्रण IIHL को सौंप दिया जाएगा।

भारी कर्ज में डूबी थी रिलायंस कैपिटल

रिलायंस कैपिटल पर भारी कर्ज था और कंपनी दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही थी। NCLT द्वारा शुरू की गई समाधान प्रक्रिया में IIHL ने सबसे बड़ी बोली लगाकर अधिग्रहण का रास्ता साफ किया। 26 फरवरी तक इस प्रक्रिया के पूरा होने की संभावना है, जिससे कंपनी को एक नया मालिक मिलेगा और उसकी वित्तीय स्थिति में सुधार आ सकता है।

कर्जदाताओं को राहत, पूरी होगी भुगतान प्रक्रिया

IIHL ने कर्जदाताओं के भुगतान की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कंपनी ने पहले ही 5,750 करोड़ रुपये की राशि जमा कर दी है। इसमें से 2,750 करोड़ रुपये NCLT के निर्देशानुसार CoC-नामित खातों में रखे गए हैं। शेष 4,300 करोड़ रुपये जल्द जारी किए जाएंगे, जिससे कुल 9,861 करोड़ रुपये की समाधान योजना पूरी होगी। यह अधिग्रहण रिलायंस कैपिटल के पुनरुद्धार में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

अधिग्रहण प्रक्रिया कैसे पूरी हुई?

रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण की प्रक्रिया लंबे समय से चल रही थी। हिंदुजा ग्रुप की कंपनी IIHL ने सबसे ऊंची बोली लगाकर कर्जदाताओं की सहमति प्राप्त की। NCLT ने समाधान योजना को मंजूरी दे दी थी और अब सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं। 26 फरवरी को होने वाली अंतिम सुनवाई के बाद कंपनी का पूरा नियंत्रण हिंदुजा ग्रुप को सौंप दिया जाएगा।

रिलायंस कैपिटल को मिलेगा नया जीवन

IIHL के अधिग्रहण से रिलायंस कैपिटल को पुनर्जीवित करने का अवसर मिलेगा। हिंदुजा ग्रुप कंपनी को नए सिरे से खड़ा करने की रणनीति पर काम कर रहा है। वित्तीय क्षेत्र में हिंदुजा ग्रुप की मजबूत पकड़ के चलते रिलायंस कैपिटल के कारोबार को फायदा हो सकता है और बाजार में भी सकारात्मक संकेत मिल सकते हैं।