प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ 2025 की शुरुआत से ही यह आयोजन सुर्खियों में बना हुआ है। 13 जनवरी से शुरू हुए इस भव्य धार्मिक मेले में लाखों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं, लेकिन इसके साथ ही कुछ चिंताजनक घटनाएं भी सामने आई हैं। एक ओर जहां मेले के दौरान 13 शिशुओं का जन्म हुआ, वहीं स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों और अन्य कारणों से अब तक 54 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है।

महाकुंभ में 13 बच्चों ने लिया जन्म

महाकुंभ मेले में 13 बच्चों का जन्म एक सुखद खबर के रूप में सामने आया है। ये सभी प्रसव महाकुंभ के विभिन्न अस्थायी अस्पतालों में हुए, जहां महिला स्वास्थ्य सेवाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। मेले में कुल 13 सेंट्रल अस्पताल बनाए गए हैं, जहां गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं।

स्वास्थ्य समस्याओं के कारण 54 श्रद्धालुओं की मौत

मेले के दौरान अब तक 54 श्रद्धालुओं की मौत की पुष्टि हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, इनमें से अधिकांश मौतें सांस की बीमारियों और हृदय संबंधी समस्याओं के कारण हुई हैं। कोविड-19 के बाद कई लोगों में सांस की तकलीफ बढ़ गई है, और महाकुंभ जैसी भीड़भाड़ वाली जगहों पर ऑक्सीजन की कमी जानलेवा साबित हो सकती है।

मौसम भी बना चुनौती

महाकुंभ के दौरान प्रयागराज में तापमान 6 से 8 डिग्री सेल्सियस के बीच रहा, जिससे कई श्रद्धालुओं की तबीयत बिगड़ गई। डॉक्टरों के अनुसार, ठंड के मौसम में लंबी दूरी पैदल तय करना और भीड़भाड़ में लगातार रहना कई बुजुर्ग और बीमार श्रद्धालुओं के लिए घातक साबित हुआ।

मौनी अमावस्या पर भगदड़ में गई 30 जानें

मौनी अमावस्या के स्नान पर्व के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी, जिससे भगदड़ मच गई। इस घटना में करीब 30 श्रद्धालुओं की जान चली गई, जबकि दर्जनों घायल हो गए। प्रशासन स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है, लेकिन भीड़ की विशालता के आगे व्यवस्था कई बार कमजोर पड़ जाती है।