रायपुर। छत्तीसगढ़ में नगर निकाय चुनाव के नतीजों के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने हार की वजहों पर खुलकर बयान दिया। उन्होंने चुनाव प्रक्रिया में ईवीएम मशीनों के इस्तेमाल को लेकर गंभीर सवाल उठाए और इसे चुनावी पारदर्शिता पर संकट करार दिया।

ईवीएम पर कांग्रेस की नाराजगी
दीपक बैज ने कहा कि शुरुआत में सरकार ने चुनाव बैलेट पेपर से कराने की बात कही थी, जिसे कांग्रेस ने समर्थन भी दिया था। लेकिन बाद में अचानक सरकार ने फैसला बदल दिया और ईवीएम से चुनाव कराने का निर्णय लिया। उन्होंने दावा किया कि इससे चुनाव की निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो गए हैं और मतदाता भ्रमित हुए।
उन्होंने कहा, ईवीएम को लेकर पूरे देश में संदेह बना हुआ है। विपक्षी दल, सुप्रीम कोर्ट के वकील और बुद्धिजीवी बार-बार इस पर सवाल उठा रहे हैं। यदि बैलेट पेपर से चुनाव होता, तो इन विवादों से बचा जा सकता था।
ईवीएम में गड़बड़ी के आरोप
बैज ने आरोप लगाया कि कई मतदान केंद्रों पर ईवीएम मशीनें खराब हो गईं। उन्होंने कहा कि पार्षद और महापौर के लिए एक ही मशीन में वोटिंग करवाई गई, जिससे मतदाताओं में भ्रम की स्थिति बनी। कई जगह मशीनें बंद हो गईं, वीवीपैट पर्ची उपलब्ध नहीं थी, जिससे निष्पक्ष चुनाव पर सवाल उठने लगे। उन्होंने कहा, सवाल कल भी थे, आज भी हैं और भविष्य में भी बने रहेंगे।
बैलेट पेपर की वकालत
कांग्रेस अध्यक्ष ने बैलेट पेपर को अधिक पारदर्शी और विश्वसनीय बताते हुए चुनावों में इसे प्राथमिकता देने की मांग की। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट भी बैलेट पेपर को अधिक भरोसेमंद मानता है, लेकिन सरकार इसे लागू करने से बच रही है।
निकाय चुनाव में कांग्रेस की करारी हार
छत्तीसगढ़ निकाय चुनाव के नतीजे कांग्रेस के लिए निराशाजनक रहे। 10 नगर निगमों में भारतीय जनता पार्टी ने सभी पर कब्जा जमाया, जबकि 49 नगर पालिकाओं में से 35 में बीजेपी को जीत मिली। कांग्रेस को केवल 8 नगर पालिकाओं में सफलता मिली। आम आदमी पार्टी ने भी बिलासपुर की बोधरी नगर पालिका में अपनी पहली जीत दर्ज की।