प्रयागराज। इस वक्त महाकुंभ में देशभर से श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है। संगम तट पर आस्था की डुबकी लगाने के लिए लाखों लोग पहुंच रहे हैं, लेकिन भारी भीड़ और जबरदस्त ट्रैफिक जाम के कारण श्रद्धालुओं को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसी बीच बिहार के बक्सर जिले के सात युवाओं ने अनोखा तरीका अपनाकर महाकुंभ पहुंचने का सपना साकार किया।

सड़क और ट्रेन में भीड़, गंगा बनी सहारा
बक्सर के कम्हरिया गांव के सुखदेव चौधरी, आडू चौधरी, सुमन चौधरी, मुन्नू चौधरी और उनके तीन अन्य साथियों ने ट्रेन और सड़क मार्ग की परेशानी को देखते हुए गंगा के रास्ते नाव से प्रयागराज पहुंचने का फैसला किया। 11 फरवरी को उन्होंने एक मजबूत नाव पर दो मोटर लगाए, जरूरी सामान और पेट्रोल का इंतजाम किया और यात्रा पर निकल पड़े।
84 घंटे की रोमांचक यात्रा
यात्रा के दौरान उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। नाव की मोटर लगातार चलने से गर्म हो जाती थी, इसलिए कुछ किलोमीटर पर उसे बंद कर खुद नाव चलानी पड़ती थी। रात में बारी-बारी से सभी जागकर नाव को संभालते थे। अंततः 13 फरवरी की सुबह वे प्रयागराज पहुंचे और संगम में आस्था की डुबकी लगाई।
सिर्फ 20 हजार में पूरी हुई यात्रा
इस अनोखी यात्रा में कुल 20,000 का खर्च आया, जिसमें पेट्रोल, राशन-पानी और अन्य जरूरी सामान शामिल था। 16 फरवरी की रात तक वे वापस बक्सर लौट आए। हालांकि, युवाओं ने साफ कहा कि बिना अनुभव के इस तरह की यात्रा करना जोखिम भरा हो सकता है।
इलाके में चर्चा का विषय बनी यात्रा
बक्सर के इन सात युवाओं की यह अनोखी पहल इलाके में चर्चा का विषय बन गई है। उन्होंने साबित कर दिया कि अगर संकल्प दृढ़ हो, तो कोई भी बाधा लक्ष्य तक पहुंचने से नहीं रोक सकती।