जशपुर। चुनाव में अजब-गजब नजारे देखने को मिलते हैं। कहीं पिता-पुत्र, कहीं सास-बहू या फिर अन्य सगे-संबंधी चुनाव मैदान में आमने-सामने आ जाते हैं। ऐसा ही एक वाकया जशपुर जिले के ग्राम पंचायत दुर्गापारा में हुआ, जहां एक महिला ने सरपंच के चुनाव में दावेदारी की, वही इसी पद के लिए उसकी सौतेली बेटी ने भी नामांकन भर दिया। दोनी की इस लड़ाई में तीसरा प्रत्याशी जीत गया। इससे बौखलाई मां ने सौतेली बेटी के अलावा बेटे और बहू को भी घर से निकाल दिया और उनके सामान को भी बाहर फिंकवा दिया।

मामला पहुंच गया थाने

आदिवासी बाहुल्य जिला जशपुर के ग्राम पंचायत दुर्गापारा की युवती चंद्रमणि भगत अपने भाई और भाभी के साथ बगीचा थाने पहुंची हुई थी। पूछने पर पता चला कि उसकी मां फूल कुमारी भगत ने तीनों को घर से बाहर निकलते हुए उनका सामान भी बाहर फेंक दिया है। जिसकी शिकायत लिखाने के लिए वह थाने पहुंची है।

चंद्रमणि ने बताया कि वह ग्राम पंचायत में सरपंच के चुनाव में खड़ी हुई। इस दौरान उसकी सौतेली मां फूलकुमारी भगत भी चुनाव में खड़ी हो गई। एक ही परिवार से दो लोगों के खड़े होने से वोट बंट गया, जिसका फायदा तीसरे प्रत्याशी को हुआ और वो चुनाव जीत गया। हार से बौखलायी मां ने अपने सौतेले बेटे-बेटी और बहू को ही घर से बाहर निकाल दिया। फूलकुमारी का कहना है कि अगर उसकी बेटी चुनाव में खड़ी नहीं होती, तो वो जरूर जीत जाती। इस विवाद के बाद यह मामला बगीचा थाने पहुंच गया है।

समझौते का प्रयास रहा विफल

बगीचा थाने में इस मामले की शिकायत मिलते ही पुलिस ने दोनों पक्षों के बीच आपसी समझौते का प्रयास किया। मगर पता चला है कि मां का गुस्सा अभी शांत नहीं हुआ है। उसने फिलहाल सामान घर के अंदर कर दिया है, मगर बच्चों को घर के अंदर आने से मना कर दिया है, जिसके चलते इन तीनों को पड़ोसी के यहां शरण लेनी पड़ी है।

फिलहाल इस मामले में पुलिस का कहना है कि वह अब दोनों पक्षों पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई करते हुए इनका समझौता कराएगी, ताकि भविष्य में कोई विवाद न हो और सभी एक ही घर पर रह सकें।