रायपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के पूर्व महाधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम राहत मिली है। स्पेशल लीव पिटिशन (SLP) पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी।

जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
हाईकोर्ट द्वारा जमानत याचिका खारिज किए जाने के बाद सतीशचंद्र वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने छत्तीसगढ़ सरकार को दो दिन के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। साथ ही, आदेश दिया कि अगली सुनवाई तक वर्मा के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी।
ईडी के आरोपों पर सुप्रीम कोर्ट का रुख
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सुप्रीम कोर्ट में दावा किया था कि छत्तीसगढ़ नागरिक आपूर्ति निगम (PDS) घोटाले में शामिल IAS अधिकारी अनिल कुमार टुटेजा और आलोक शुक्ला ने 2019 में जमानत हासिल करने के लिए हाईकोर्ट के एक न्यायाधीश से संपर्क किया था। ईडी का आरोप था कि तत्कालीन महाधिवक्ता सतीशचंद्र वर्मा ने इस पूरी प्रक्रिया में मध्यस्थता की थी। सुप्रीम कोर्ट ने ईडी द्वारा पेश किए गए चैट संदेशों को पर्याप्त साक्ष्य मानने से इंकार कर दिया, जिससे वर्मा को बड़ी राहत मिली।