रायपुर। छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले के मामले में रायपुर स्थित ईडी स्पेशल कोर्ट ने अनवर ढेबर द्वारा दायर एक आवेदन को मंजूरी दे दी है, जिसमें उन्होंने कोर्ट से यह अनुरोध किया था कि इस मामले में डिस्टलरी संचालकों सहित आठ अन्य व्यक्तियों को भी आरोपी बनाया जाए। यह आवेदन शराब घोटाले में जेल में बंद अनवर ढेबर की ओर से 190 सीआरपीसी के तहत पेश किया गया था। कोर्ट के आदेश के बाद अब वेलकम डिस्टलरी, भाटिया वाईन मर्चेंट, सीजी डिस्टलरी, मैसर्स नेक्स्ट जेन, दिशिता वेंचर्स, ओम सांई ब्रेवरेजेस, सिद्धार्थ सिंघानिया और मैसर्स टॉप सिक्योरिटी के संचालक अब इस मामले में आरोपी बन गए हैं।

अनवर ढेबर का आवेदन और आरोप
शराब घोटाले के किंगपिन के रूप में जाने गए अनवर ढेबर इस समय अन्य आरोपियों के साथ गिरफ्तार हैं। ईडी के अनुसार यह घोटाला किसी एक व्यक्ति द्वारा नहीं, बल्कि एक संगठित गिरोह द्वारा अंजाम दिया गया था। अनवर ढेबर ने अदालत में पेश अपने आवेदन में ईडी द्वारा पेश किए गए परिवाद को आधार बनाते हुए आरोप लगाया कि ईडी की कार्रवाई में अनियमितताएं हैं। उनका कहना था कि ईडी 2200 करोड़ रुपये से अधिक का घोटाला होने का दावा कर रही है, जबकि असल में ऐसा कोई घोटाला हुआ ही नहीं। यदि यह घोटाला है तो ईडी ने इसे चुनिंदा तरीके से अंजाम दिया है।
ईडी ने कहा था कि डिस्टलरी संचालक इस घोटाले का हिस्सा थे और उनके माध्यम से शराब की बोतलें तैयार की जाती थीं। इन बोतलों में आधी पर नकल का होलोग्राम लगाया जाता था और आधी पर असली। हालांकि, ईडी ने डिस्टलरी संचालकों को आरोपी नहीं बनाया, जबकि यह माना गया था कि घोटाले की जड़ वही थे। एडवोकेट एस फरहान ने कहा कि कोर्ट को सौंपे गए रिकॉर्ड के आधार पर यही स्पष्ट होता है कि गड़बड़ी के प्रमुख जिम्मेदार डिस्टलरी संचालक थे। उन्होंने यह भी कहा कि कोर्ट में यही सवाल उठाया गया कि यदि ईडी ने इन्हें आरोपी क्यों नहीं बनाया।
आगे की प्रक्रिया
अब इन आठों आरोपी व्यक्तियों को जिनमें डिस्टलरी संचालक शामिल हैं, कोर्ट की प्रक्रिया में शामिल होना होगा। हालांकि, इसका मतलब यह नहीं है कि इनकी गिरफ्तारी होगी। सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के अनुसार, इन्हें कोर्ट में पेश होना होगा और जमानत लेनी होगी। जमानत की प्रक्रिया जटिल नहीं होगी और इन सभी को तुरंत जमानत मिल जाएगी। हालांकि, जमानत मिलने के बाद भी हर पेशी में उनकी उपस्थिति आवश्यक होगी। इस प्रक्रिया की शुरुआत नोटिस से होगी जिसे तलबाना कहा जाता है, और इन आरोपियों की उपस्थिति के लिए तलबाना शुल्क अनवर ढेबर की ओर से कोर्ट में जमा किया जाएगा।