टीआरपी डेस्क। मध्य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल के हालिया बयान ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। सुठालिया में वीरांगना रानी अवंतीबाई लोधी की प्रतिमा के अनावरण के दौरान उन्होंने कहा कि अब तो सरकार से भीख मांगने की आदत लोगों को पड़ गई है। नेता आते हैं तो उन्हें एक टोकरी कागज पकड़ा दिए जाते हैं। यह आदत ठीक नहीं है, लेने के बजाय देने की मानसिकता अपनानी चाहिए।

भिखारी मानसिकता से समाज कमजोर
मंत्री पटेल ने कहा कि जनता के मांग पत्रों को भीख की तरह पेश करना उचित नहीं। उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा कि समाज को मजबूत बनाने के लिए मांगने की बजाय देने की सोच अपनानी होगी। उनका कहना था कि केवल समस्याओं की फरियाद करने से समाज आगे नहीं बढ़ेगा, बल्कि लोगों को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में सोचना होगा।
युवा नशे से दूर रहें
मंत्री पटेल ने युवाओं को नशे से बचने और चरित्र निर्माण पर ध्यान देने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि नर्मदा परिक्रमा के दौरान उन्होंने यह संकल्प लिया कि युवाओं को नशे से बचाने की मुहिम को आगे बढ़ाएंगे। उनका कहना था कि कमाई से अधिक खर्च करने का चलन गलत है, अमीर बनने के लिए या तो कमाई बढ़ाएं या खर्च कम करें।
कांग्रेस ने बताया जनता का अपमान
मंत्री के इस बयान पर कांग्रेस ने तीखा विरोध जताया। मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि “भाजपा का अहंकार इस स्तर पर पहुंच गया है कि वे जनता को भिखारी कहने लगे हैं।” उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा नेता चुनाव से पहले बड़े-बड़े वादे करते हैं और बाद में जनता की मांगों को भीख बताकर अपमानित करते हैं। पटवारी ने कहा कि जनता इस बयान को चुनाव में ज़रूर याद रखेगी।
समाज को चरित्र निर्माण पर जोर देने की जरूरत
अपने संबोधन में मंत्री पटेल ने कहा कि प्रतिमाएं लगाने से ज्यादा जरूरी उनके चरित्र को अपनाना है। उन्होंने वीरांगना रानी अवंतीबाई लोधी के संघर्षों का ज़िक्र करते हुए युवाओं से प्रेरणा लेने की अपील की। बयान को लेकर सियासी माहौल गर्म हो गया है, विपक्ष इसे जनता का अपमान बता रहा है, जबकि भाजपा इसे आत्मनिर्भरता और संस्कारों को बढ़ावा देने की सीख के रूप में पेश कर रही है।