रायपुर। कलिंगा विश्वविद्यालय ने आधिकारिक प्रक्रियाओं और रिपोर्ट लेखन पर एक प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया, जिसमें पत्र प्रारूपण और फ़ाइल प्रबंधन शामिल था। यह सत्र प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने और आधिकारिक दस्तावेज़ीकरण को सुव्यवस्थित करने के लिए छत्तीसगढ़ निजी विश्वविद्यालय नियामक आयोग (CGPURC) की सिफारिशों के अनुसार आयोजित किया गया था।

सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी चंद्रहास बेहार मुख्य वक्ता थे, जिन्होंने कार्यालय प्रबंधन, निर्णय लेने और दस्तावेज़ीकरण प्रोटोकॉल पर एक व्यावहारिक सत्र दिया। उन्होंने भारत के विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों को प्रशिक्षण दिया है। और विभिन्न सरकारी विभागों के सलाहकार और परामर्शदाता के रूप में कार्य किया है। उन्होंने प्रशासनिक प्रक्रियाओं में प्रभावी संचार के महत्व को समझाया, जिसमें फ़ाइल नोटिंग, नंबरिंग और आधिकारिक दस्तावेजों के संदर्भ जैसे पहलुओं को शामिल किया गया। उन्होंने मौखिक आदेशों को रिकॉर्ड करने, रजिस्टरों को बनाए रखने और मानव संसाधन, वित्त, शिक्षा और अनुसंधान, अनुपालन और रिकॉर्ड प्रबंधन सहित विभिन्न कार्यालय अनुभागों को संभालने पर मार्गदर्शन भी प्रदान किया।

चंद्रहास बेहार ने आधिकारिक दस्तावेज़ीकरण में स्पष्ट, संक्षिप्त और सटीक संचार की आवश्यकता पर जोर दिया, और प्रतिभागियों को बेहतर समझ और निर्णय लेने के लिए स्पष्ट, पेशेवर और तार्किक रूप से संरचित भाषा का उपयोग करने की सलाह दी । प्रशिक्षण सत्र में विश्वविद्यालय के प्रमुख अधिकारियों ने भाग लिया, जिनमें रजिस्ट्रार डॉ. संदीप गांधी , डॉ. लिन्सी रॉय, उप रजिस्ट्रार और प्रमुख मानव संसाधन , अमितेश बर्मन उप प्रबंधक मानव संसाधन, लेफ्टिनेंट विभा चंद्राकर, प्रभारी छात्र कल्याण अधिष्ठाता और सहायक प्रोफेसर , डॉ. ए विजयानंद, कुलानुशासक, आशीष रावत और मोहित सगोरिया सहायक रजिस्ट्रार श्रीमती शिल्पी निशांत तनवानी शैक्षणिक अधिकारी, राजेश विश्वकर्मा छात्रवृत्ति प्रभारी, हर्षा शर्मा, एनएसएस समन्वयक और डॉ. योगेश वैष्णव युवा भारतीय समन्वयक ।

इस पहल का उद्देश्य विश्वविद्यालय के अधिकारियों को रिपोर्ट लेखन और फ़ाइल प्रबंधन में आवश्यक कौशल से लैस करके प्रशासनिक दक्षता बढ़ाना था। उचित प्रक्रियाओं का पालन सुनिश्चित करके, कलिंगा विश्वविद्यालय पारदर्शी शासन और प्रभावी नीति कार्यान्वयन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत कर रहा है।