बिलासपुर। हाईकोर्ट ने बिलासपुर शहर के प्रमुख मार्गों पर अतिक्रमण हटाने को लेकर डीएसपी ट्रैफिक से शपथपत्र पर जवाब मांगा। ट्रैफिक सिग्नल तोड़ते हुए पलटी एंबुलेंस के मामले में हाईकोर्ट ने आगे की सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया। अदालत ने पूछा है कि शहर में ट्रैफिक सुधार कब तक होगा। अगली सुनवाई अब अप्रैल माह में होगी।

दरअसल पिछले वर्ष हुए इस हादसे का सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था। कोर्ट ने शहरों में इमरजेंसी सेवाओं और वीवीआईपी वाहनों के लिए किए गए इंतजामों की जानकारी मांगी थी और डीजीपी, बिलासपुर कलेक्टर व एसपी को शपथपत्र के साथ जवाब पेश करने का निर्देश दिया था।

‘प्रदेश में अब तक कोई ठोस योजना नहीं बनी’

चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल की बेंच ने कहा कि बिलासपुर ही नहीं, प्रदेश के बड़े शहरों में भी ट्रैफिक की स्थिति खराब है। अक्सर ट्रैफिक सिग्नल और सड़कों पर इमरजेंसी सेवाओं के वाहनों को रास्ता नहीं मिल पाता। अन्य राज्यों में वीवीआईपी और इमरजेंसी वाहनों के लिए रोड मैप तैयार किया जाता है, लेकिन छत्तीसगढ़ में अब तक कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई।

चीफ जस्टिस ने कहा कि हम रोज देखते हैं कि ट्रैफिक की स्थिति कितनी खराब है। हर जगह जाम रहता है। उन्होंने प्रशासन को बिलासपुर समेत सभी छोटे-बड़े शहरों में इमरजेंसी सेवाओं के लिए अलग से रोडमैप बनाने का निर्देश दिया। इसके साथ ही, वीवीआईपी मूवमेंट के दौरान आम जनता को जाम में फंसाने पर नाराजगी जताई और कहा कि वीवीआईपी क्या लोगों के ऊपर से निकलेंगे? ऐसे समय में सिग्नल फ्री करने से ट्रैफिक सामान्य हो सकता है।

प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने की दी जानकारी

इस सुनवाई में शासन ने कोर्ट को बताया कि पेड्रोडीह-सकरी बायपास रोड पर अतिक्रमण हटाया गया है और अन्य सड़कों पर भी अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई जारी है। इसके बाद कोर्ट ने डीएसपी ट्रैफिक को एक अलग शपथपत्र प्रस्तुत करने का निर्देश दिया, जिसमें मुख्य सड़कों से अतिक्रमण हटाने और ट्रैफिक सुधार के लिए उठाए गए कदमों का ब्यौरा होगा।