रायपुर। विधानसभा में बुधवार को भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने सिकलसेल संस्थान में इलाज की सुविधाएं नहीं होने का मामला उठाया।

अजय चंद्राकर ने कहा कि- सिकलसेल से पीड़ित मरीज अपनी मौत का इंतज़ार कर रहे हैं। राज्य में सिकलसेल से 25 लाख लोग पीड़ित है और केवल रायपुर में एकमात्र चिकित्सा संस्थान है लेकिन वहां पर्याप्त विशेषज्ञ नहीं है। संस्थान में कोई रिसर्च नहीं किया जाता और संचालन के लिए स्वयं का भवन भी नहीं है जिसके चलते मरीजों को इलाज के लिए भटकना पड़ रहा हैं।
स्वाथ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने जवाब देते हुए कहा कि राज्य में एकमात्र सिकलसेल संस्थान है और राज्य के सरकारी चिकित्सालय में सिकलसेल प्रबंधन सेल शुरू किया गया है। सिकलसेल को लेकर वैज्ञानिकों ने 19 शोध पत्र प्रकाशित किए हैं। चिकित्सकों की नियुक्ति की प्रक्रिया भी चल रही है और सिकलसेल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में बोनमैरो ट्रांसप्लांट की व्यवस्था शुरू की जा रही है।
अजय चंद्राकर ने कहा कि जब मैं स्वास्थ्य मंत्री था तब सिकलसेल संस्थान की शुरूआत की गई लेकिन भूपेश सरकार सिर्फ भवन के लिए नारियल फोड़कर चुप बैठ गई। मंत्री बताए कि संस्थान में कितने डॉक्टर और विशेषज्ञ हैं?
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि प्रदेश में सिकलसेल के लिए बहुत काम किया गया है। 23 जून 2023 को भूपेश सरकार ने सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का भूमिपूजन किया था। हमारी सरकार आने के बाद से अब तक 11 बैठकें की जा चुकी हैं। 180 का सेटअप में से 28 कार्यरत हैं, जिनमें 4 विशेषज्ञ डॉक्टर हैं। हमारा प्रयास है कि जल्द ही डॉक्टरों की भर्ती की जाए। जब तक भर्ती नहीं होती, तब तक डॉक्टरों को अटैच कर कार्यवाही की जाएगी।
अजय चंद्राकर ने पूछा- संस्थान में कितनी मशीनें उपलब्ध हैं और कितने मानव संसाधन है?
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि आवश्यकतानुसार चार उन्नत मशीनें उपलब्ध हैं। जांच के लिए मानव संसाधन उपलब्ध है और प्रतिदिन 60 मरीजों की जांच की जा रही है। मशीनों को ऑपरेट करने के लिए 9 तकनीशियन काम कर रहे हैं।
अजय चंद्राकर ने पूछा कि सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने के लिए कितने दिनों में बोनमैरो ट्रांसप्लांट और शोध आदि की अनुमति मिल पाएगी? संस्थान के ठीक बाजू का बंगले में मंत्री रहते थे, उस बंगले की जमीन को भी संस्थान के लिए दिया जाना था. क्या किसी तरह की आर्थिक अनियमितता की शिकायत पाई गई है?
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि करीब दो एकड़ जमीन थी। किसी भी तरह की आर्थिक अनियमिता की जानकारी नहीं है। यह दुर्भाग्य है कि किसी भी स्वास्थ्य मंत्री ने सिकलसेल संस्थान को मजबूत करने के लिए काम नहीं किया है। यह मेरी प्राथमिकता में है। अजय चंद्राकर जिस आर्थिक अनियमितता की जानकारी दे रहे हैं, उसका परीक्षण किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर जांच कराई जाएगी।