रायपुर। राजधानी रायपुर के अमलीडीह में रामा बिल्डकॉन को सरकारी जमीन आबंटित किये जाने का मुद्दा भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने प्रश्नकाल में उठाया। इस दौरान राजस्व मंत्री ने आबंटन निरस्त करने की बात तो कही मगर कार्रवाई के सवाल पर उन्होंने गोलमोल जवाब दिया। भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने पूछा- जमीन आबंटन निरस्त होने के कारण क्या है?

जवाब में राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा- मंत्रिमंडल में नियम में बदलाव की वजह से आबंटन निरस्त कर दिया गया था। जमीन आवंटन की प्रक्रिया पूर्ण नहीं हुई थी, बल्कि प्रक्रियाधीन थी, इस दौरान कैबिनेट का फैसला आ गया, जिसके बाद जमीन का आवंटन नहीं किया गया।
धरमलाल कौशिक ने इस दौरान जानना चाहा कि 56 करोड़ रुपए पटाया जाना था लेकिन सिर्फ 9 करोड़ रुपए की राशि जमा की गई थी। अधिकारियों ने जो इस तरह से काम किया था उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी? धरमलाल कौशिक ने कहा कि भूमि का आबंटन रामा बिल्डकॉन को किया गया था। यह जवाब दिया गया है, मगर भूमि रिकॉर्ड में किसके नाम पर है?
जवाब में राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि भूमि का आबंटन की प्रक्रिया चल रही थी। संबंधित पक्ष ने राशि नहीं पटाई गई थी। शासन ने आबंटन निरस्त कर दिया था। राजस्व मंत्री ने कहा- आबंटन कलेक्टर के द्वारा किया जाता है, जब राशि पटाई जाती है। राशि जमा करने के पूर्व ही आबंटन रद्द कर दिया गया था। रिकॉर्ड में भूमि शासन के नाम पर ही दर्ज है। कलेक्टर द्वारा डिमांड लेटर दिया ही नहीं गया था।
गौरतलब है कि रामा बिल्डकॉन को जमीन के आबंटन के मामले ने काफी तूल पकड़ लिया था और इसका स्थानीय निवासियों के साथ ही कांग्रेस और भाजपा के नेताओं ने भी विरोध किया था। तब बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगे थे। मगर संभागायुक्त द्वारा की गई जांच के बाद मामले ठन्डे बास्ते में चला गया। आरोप लग रहे हैं कि अफसरों को बचाने की नियत से गोलमोल रिपोर्ट दी गई है। ऐसा ही कुछ विधानसभा में नजर आया, जहां राजस्व मंत्री ने नए नियम का हवाला देते हुए केवल आबंटन निरस्त किये जाने की जानकारी देकर बात को खत्म कर दिया।