रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में बेलतरा से बीजेपी विधायक सुशांत शुक्ला ने फर्जी तरीके से BPL राशन कार्ड बनाये जाने का मामला उठाया। उन्होंने दावा किया कि सन 2022 में अफसरों ने मिलीभगत करके बड़ी संख्या में APL (अबोव पावर्टी लाइन) राशन कार्ड को BPL (बिलो पावर्टी लाइन) कार्ड में तब्दील कर दिया। उन्होंने सदन में कहा कि खाद्य विभाग गलत जानकारी दे रहा है।

बेलतरा से बीजेपी विधायक सुशांत शुक्ला ने यह मामला विधानसभा में उठाते हुए अधिकारियों के गोलमोल जानकारी देने और खाद्य मंत्री दयालदास बघेल के जवाब पर आपत्ति जताई। साथ ही यह भी कहा कि संबंधित विभाग के दोषी और जिम्मेदार अधिकारी के बजाए दूसरे अफसरों से इसकी जांच कराई जाए। जिस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने दूसरे अधिकारी से जांच कराने के निर्देश दिए।

कार्ड धारियों को नहीं थी जानकारी

विधायक सुशांत शुक्ला ने TRP न्यूज से चर्चा में बताया कि कई ऐसे APL राशन कार्ड धारी हैं, जिन्हे इस बात की जानकारी ही नहीं है कि उनके कार्ड को BPL में तब्दील कर दिया गया है। खुद उनके (विधायक) पास 57 ऐसे कार्ड हैं, जो बिना किसी लीगल दस्तावेज के BPL बना दिए गए। सुशांत शुक्ला ने बताया कि ऐसे कार्ड बड़ी संख्या में बनाये गए हैं और यह कार्ड खाद्य संचालक अनुराग भदौरिया की आई डी से बने हैं। उन्होंने तो सूत्रों के हवाले से यह ही कहा कि बिलासपुर की हर सरकारी राशन दुकान में ऐसे ही लगभग 50 फर्जी BPL राशन कार्ड बने हैं। इसमें दुकानदारों की भी मिलीभगत है और हर रोज इन कार्डों सहारे लाखों का चावल उठाया जा रहा है।

विभाग की ये है सफाई

इस मामले में खाद्य विभाग का कहना है कि APL से BPL कार्ड बनाने के मामले में 1355 कार्ड नहीं बल्कि 1355 सदस्यों से संबंधित कार्ड निरस्त किये गए हैं। खाद्य संचालक अनुराग भदौरिया ने TRP से बातचीत में कहा कि APL कार्ड तभी BPL में तब्दील किये जाते हैं जब संबंधित कार्डधारी के पास श्रम कार्ड हो। पूर्व में बड़ी संख्या में लोगों ने श्रम विभाग में अपना पंजीयन कराते हुए श्रम कार्ड हासिल किया और उसे खाद्य विभाग में जमा करते हुए अपना कार्ड BPL में तब्दील करवा लिया। श्रम कार्ड के अलावा 60 वर्ष की आयु में निराश्रित पेंशन पाने वाले वृद्ध का भी BPL राशन कार्ड बनाया जाता है।

रातों रात क्यों निरस्त किये गए कार्ड..?

जिन राशनकार्डों को फर्जी बताया जा रहा है, वह खाद्य विभाग के आई. डी. RC 8841 जारी किये जाने की जानकारी मिली है। इसी आई.डी. से 13 दिसंबर 2022 की रात 8:19 से रात 11:53 तक फर्जी राशनकार्ड एवं फर्जी सदस्यों को निरस्त कर दिया गया था, यह आई.डी. सिर्फ खाद्य विभाग से खाद्य अधिकारी के अनुमति से ही जारी हो सकती है। बिलासपुर में जब यह मामला प्रकाश में आया तब पोल खुलने के डर से रातो रात राशन कार्ड आई. डी. RC 8841 से मिटा दिया गया।

सागर में बैठकर डिलीट किये कार्ड..?

विधायक शुक्ला ने विधानसभा में यह भी कहा है कि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार फर्जीवाड़ा उजागर होने पर मामले को दबाने के लिए रातों रात ऐसे BPL राशन कार्ड को डिलीट किया गया है। जो राशन कार्ड डिलीट हुआ है, उसकी आईडी मध्यप्रदेश के सागर में खोली गई थी। खाद्य अफसरों की मिलीभगत के बिना यह कैसे संभव है।

जांच में लीपापोती का आरोप

इस मामले में जांच के लिए रायपुर से टीम भेजी गयी थी जिसने केवल बंद कमरे में जांच के नाम पर लीपापोती की और वापस लौट गए। विधायक सुशांत शुक्ला की मांग है कि इस मामले की गंभीरता से जांच कराई जाये और गड़बड़ी उजागर होने पर संबंधितों के खिलाफ कार्रवाई की जाये।