रायपुर। राजधानी रायपुर समेत पूरे जिले में ड्रिंक एंड ड्राइव के खिलाफ एक बड़ी मुहिम की शुरुआत होने जा रही है। इस संबंध में आईजी अमरेश मिश्रा ने शुक्रवार रात रायपुर एसएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह सहित शहर और जिले के कई आला अफसरों के साथ एक अहम बैठक की, जो देर रात तक चली। इस बैठक में क्रिकेट लीग के खिलाड़ियों की सुरक्षा, स्टेडियम के आसपास होने वाली ट्रैफिक जाम की समस्या, त्योहारों के दौरान सुरक्षा इंतजामों और इन्वेस्टिगेशन पर रूटीन चर्चा हुई। हालांकि, इस दौरान आईजी अमरेश मिश्रा ने एसएसपी को स्पष्ट निर्देश दिए कि रायपुर में ड्रिंक एंड ड्राइव के खिलाफ सख्त मुहिम चलानी है। उन्होंने कहा कि जो कोई शराब पीकर या नशे की हालत में गाड़ी चलाता हुआ मिले, उसे किसी भी हाल में नहीं छोड़ा जाए। साथ ही, सूखा नशा करके गाड़ी चलाने वालों को भी पहचानकर पकड़ा जाए।

इस मुहिम के तहत पुलिस अब सीधे तौर पर ड्रिंक एंड ड्राइव के मामलों पर कार्रवाई कर रही है। इस कड़ी में गाड़ियों को कोर्ट में पेश किया जा रहा है, और केवल कार ही नहीं, बल्कि बाइक पर भी 10,000 रुपए का जुर्माना लगाया जा रहा है। इसके अलावा, वकील और दस्तावेजों पर भी लगभग 1,500 से 2,000 रुपए खर्च हो रहे हैं। फिलहाल, रोजाना 40-50 लोग ड्रिंक एंड ड्राइव के मामले में पकड़े जा रहे हैं, जबकि जांच मुख्य रूप से वीआईपी रोड और तेलीबांधा के आसपास हो रही है। यदि पूरे शहर के थानों के सामने भी जांच शुरू कर दी जाती है, तो रोजाना सैकड़ों लोग इस मुहिम में फंस सकते हैं। कई ऐसे भी होंगे, जो अपनी खटारा गाड़ी को बेचने निकले होंगे, लेकिन अब उन्हें 5,000-7,000 रुपए की गाड़ी के बदले 12,000 रुपए का जुर्माना देना पड़ेगा।
आईजी अमरेश मिश्रा ने बैठक में यह भी निर्देश दिया कि ड्रिंक एंड ड्राइव की जांच करने वाले सभी जगहों पर हर वाहन की जांच करनी होगी। ब्रीथ एनलाइज़र टेस्ट किए बिना केवल उन्हीं को छोड़ने की अनुमति होगी, जिनके साथ परिवार के सदस्य कार या बाइक में यात्रा कर रहे हों। बैठक में आईजी और एसएसपी ने इसके अलावा कुछ अन्य निर्देश भी दिए, जो आमतौर पर हर मीटिंग में दिए जाते हैं और यह एक रूटीन प्रक्रिया होती है।
अब देखना यह होगा कि इस सख्त मुहिम का कितना असर होता है और लोग कितने जिम्मेदार हो पाते हैं।