बिलासपुर। बिलासपुर पुलिस ने ऑनलाइन ठगी को अंजाम देने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तीन शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी ऑनलाइन जॉब और वेबसाइट में निवेश का झांसा देकर लोगों से करोड़ों की ठगी कर रहे थे। पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपियों ने 15 करोड़ से अधिक की राशि का लेन-देन USDT और क्रिप्टोकरेंसी में किया है।

शिक्षक से की 48 लाख की ठगी
मोपका निवासी शिक्षक सौरभ साहू इस गिरोह से ऑनलाइन ठगी का शिकार हुए थे। ठगों ने उन्हें ऑनलाइन जॉब और इन्वेस्टमेंट का झांसा देकर 48 लाख रुपये ठग लिए।
पुलिस ने बताया कि, आरोपियों ने व्हाट्सएप पर शिक्षक सौरभ साहू से संपर्क किया और “हेल्सबर्ग” नामक वेबसाइट में निवेश करने का झांसा दिया। ज्यादा मुनाफे का लालच देकर उनसे अलग-अलग किश्तों में लगभग 49 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए।
तीन दिनों की खोजबीन में पकड़े गए युवक
इस मामले में रेंज साइबर पुलिस में केस दर्ज कराया गया। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने साइबर रिपोर्टिंग पोर्टल और बैंक ट्रांजेक्शन की जांच की। आरोपियों का लोकेशन महाराष्ट्र के भिवंडी में मिलने पर विशेष टीम को भेजा गया, जहां तीन दिनों की खोजबीन के बाद आरोपियों को दबोचा गया।
तीन को किया गिरफ्तार
पुलिस टीम ने इलाके में दबिश देकर शाकिब अंसारी, अंसारी मेराज और अंसारी फुजैल को गिरफ्तार किया। पूछताछ में खुलासा हुआ कि ये आरोपी ऑनलाइन गेमिंग, ट्रेडिंग, वर्क फ्रॉम होम, रेटिंग-रिव्यू, बीमा पॉलिसी और डिजिटल अरेस्ट के नाम पर लोगों को अधिक मुनाफे का लालच देकर ठगी करते थे।
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी शाकिब अंसारी, अंसारी मेराज, मोहम्मद अकरम, अंसारी फुजैल, अहमद महाराष्ट्र के भिवंडी के रहने वाले है और सभी की उम्र 20 से 25 के बीच की है। बिलासपुर साइबर पुलिस ने इनके पास से 11 मोबाइल, 12 सिम कार्ड, जमीन खरीद के दस्तावेज, सोने-चांदी के बिल, पासबुक और एटीएम कार्ड जब्त किए।
3 महीने में 15 करोड़ किये ट्रांसफर
पुलिस की जांच में पता चला कि इस गिरोह ने 99 दिनों में 15 करोड़ रुपये क्रिप्टोकरेंसी में ट्रांसफर किए और एक साल में 100 से अधिक फर्जी बैंक खाते और सिम कार्ड खरीदे। फिलहाल पुलिस आरोपियों से अन्य ठगी के मामलों और नेटवर्क से जुड़े अन्य अपराधियों की जानकारी निकाल रही है।