रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ‘जय जोहार’ के साथ अपना संबोधन शुरू किया। उन्होंने विधानसभा की 25 वर्षों की यात्रा के लिए बधाई दी और कहा कि यहां आकर उनकी विधायक के रूप में पुरानी यादें ताजा हो गईं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा कई मामलों में ऐतिहासिक है और यह राज्य उन्हें गर्व का अनुभव कराता है।

राष्ट्रपति मुर्मू ने विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि विधायक का दायित्व निभाना सौभाग्य की बात होती है। उन्होंने यह भी सराहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में अब तक मार्शल का उपयोग नहीं हुआ, जो राज्य के जनप्रतिनिधियों के अनुशासन का परिचायक है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में विकास की अपार संभावनाएं हैं और यहां की लोकसंस्कृति पूरे देश में प्रसिद्ध है।

महिलाओं के सशक्तिकरण पर जोर

राष्ट्रपति ने मिनीमाता के संघर्षों को याद करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में महिलाओं को विशेष समर्थन मिला है। उन्होंने कहा कि महिलाओं के सशक्त होने से समाज भी सशक्त होगा। छत्तीसगढ़ विधानसभा ने महिलाओं को अंधविश्वास से मुक्ति दिलाने के लिए अहम विधेयक पारित किए हैं।

छत्तीसगढ़ और ओडिशा का संबंध

उन्होंने छत्तीसगढ़ और ओडिशा के गहरे संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि यह प्रदेश इंद्रावती, शिवनाथ और महानदी का आशीर्वाद प्राप्त है। वामपंथी उग्रवाद पर रोक लगाने के प्रयास निर्णायक दौर में हैं, और जल्द ही इस पर सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया हैं और राज्य के उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि हम भी रायपुर को ओडिशा का हिस्सा मानते हैं। परिसीमन की तो सीमा है, दिल का कोई दीवार नहीं है। भगवान जगन्नाथ केवल ओडिशा के नहीं पूरे विश्व के नाथ हैं। ओडिशा में जो चावल पकाया जाता है, वह छत्तीसगढ़ का है। मुझे छत्तीसगढ़ से बहुत लगाव है। उनहोंने आगे कहा कि, छत्तीसगढ़ के लोग बहुत अच्छे हैं। इसीलिए कहा गया है, छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया। मैं छत्तीसगढ़ के उज्जवल भविष्य की कामना करती हूं। अपना संबोधन पूरा करने के बाद राष्ट्रपति छत्तीसगढ़ विधानसभा से रवाना हो गई हैं।

विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री का स्वागत संदेश

विधानसभा में राष्ट्रपति का स्वागत करते हुए स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा अनुशासन और लोकतांत्रिक आदर्शों का उदाहरण है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राष्ट्रपति के आगमन को ऐतिहासिक बताया और कहा कि छत्तीसगढ़ विधानसभा ने 25 वर्षों में लोकतंत्र को सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

राज्यपाल और विपक्ष के नेता की प्रतिक्रिया

राज्यपाल रमेन डेका ने इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद किया और कहा कि सरकार इस वर्ष को ‘अटल निर्माण वर्ष’ के रूप में मना रही है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने राष्ट्रपति के आगमन को ऐतिहासिक क्षण बताया और छत्तीसगढ़-ओडिशा के अटूट संबंधों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मनभेद नहीं होना चाहिए।