रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निवास पर बुधवार सुबह हुए सीबीआई के छापे से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई। सेंट्रल एजेंसी की इस कार्रवाई को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नाराजगी देखी जा रही है। लगातार कार्यकर्ताओं की भीड़ बढ़ते देख पुलिस ने बेरिकेटिंग की है, जिसे कांग्रेसियों ने गिरा दिया और पुलिस से लगातार उनकी नोकझोंक चलती रही और नारेबाजी भी होती रही।

कांग्रसियों ने इस सीबीआई कार्रवाई का विरोध शुरू कर दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निवास के बाहर पुलिस ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है, जिससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं में आक्रोश फैल गया है। भूपेश बघेल के समर्थकों और पुलिस के बीच तीखी बहस भी हुई, जब वे पुलिस की समझाइश के बावजूद अंदर जाने की जिद करते रहे।

इस बीच पीसीसी चीफ दीपक बैज का बयान सामने आया है। बैज ने सीबीआई की रेड को बदले की भावना बताते हुए कहा कि सेंट्रल एजेंसियों का खुलकर विरोध किया जा रहा है। ईडी का एपिसोड खत्म हो गया तो अब सीबीआई रेड कर रही है, उसके बाद आईटी और ईओडब्ल्यू भी रेड करेगी, यह चलता रहेगा। मैं सरकार से पूछता हूं, कि महादेव सट्टा ऐप अब तक बंद क्यों नहीं हुआ है, सौरभ चंद्राकर कहां है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि ऑनलाइन सट्टे का पूरा पैसा भारतीय जनता पार्टी को जाता है। डराने-धमकाने और बदले की भावना से यह कार्रवाईयां हो रही हैं।

बता दें कि, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घर 10 मार्च को ईडी ने छापा मारा था। छापे के दौरान ईडी की गाड़ियों में तोड़फोड़ की घटना सामने आई थी जिसे देखते हुए इस बार सुरक्षा बल की संख्या बढ़ा दी गई है।

जानिए, क्या है पूरा मामला…
छत्तीसगढ़ सरकार ने अगस्त 2024 में महादेव बेटिंग ऐप घोटाले की जांच को आधिकारिक तौर पर सीबीआई को सौंप दिया था। इससे पहले, ईडी ने पिछले साल जनवरी में इस मामले की जांच शुरू की थी, जिसके बाद इसे एसीबी और आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को भी सौंपा गया था। इस साल लोकसभा चुनाव से पहले 4 मार्च को एसीबी ने चार्जशीट दायर की, जिसमें भूपेश बघेल को आरोपी बनाया गया था।

भूपेश बघेल के खिलाफ पुलिस ने धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, विश्वासघात और जालसाजी से संबंधित विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की थी, साथ ही भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 और 11 के तहत भी कार्रवाई की गई थी। कई अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया था।