टीआरपी डेस्क। राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) ने 900 से अधिक जीवन रक्षक दवाइयों की कीमतों में वृद्धि की है। ये दवाइयाँ संक्रमण, हृदय रोग और शुगर नियंत्रण के लिए जरूरी हैं। इन दवाइयों की कीमतों में 1.74 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई है। ये नई कीमतें आज (मंगलवार, 1 अप्रैल) से बाजार में उपलब्ध होंगी।

NPPA हर साल औषधि अनुसूचित दवाइयों की अधिकतम कीमतें थोक मूल्य सूचकांक (WPI) के आधार पर संशोधित करता है। 2024-25 में भी इन दवाइयों की कीमतें बढ़ाई गई थीं। राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने लोकसभा में इस बात की जानकारी दी और बताया कि दवाइयों की कीमतें 1.74028 प्रतिशत बढ़ाई गई हैं।

कितनी महंगी हुईं दवाइयां

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एंटीबायोटिक एजिथ्रोमाइसिन (250 मिलीग्राम और 500 मिलीग्राम) की अधिकतम कीमत क्रमशः ₹11.87 और ₹23.98 प्रति टैबलेट तय की गई है। इसके अलावा, एमोक्सिसिलिन और क्लैवुलैनिक एसिड वाले ड्राई सिरप की कीमत ₹2.09 प्रति एमएल निर्धारित की गई है।

NPPA द्वारा निर्धारित दवाइयों की नई कीमतें

  • डिक्लोफेनाक (दर्द निवारक दवा): ₹2.09 प्रति टैबलेट
  • इबुप्रोफेन (दर्द निवारक दवा): ₹1.22 प्रति टैबलेट
  • डेपाग्लिफ्लोज़िन (मधुमेह की दवा): ₹12.74 प्रति टैबलेट
  • एसाइक्लोविर (एंटीवायरल): ₹13.90 प्रति टैबलेट
  • हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (एंटीमलेरियल): ₹14.04 प्रति टैबलेट

कैसे बढ़ती हैं दवाइयों की कीमतें

हर साल, NPPA थोक मूल्य सूचकांक (WPI) के आधार पर आवश्यक दवाइयों की कीमतों में संशोधन करता है। इस सूचकांक के आधार पर दवा निर्माता कंपनियां अपने उत्पादों की अधिकतम खुदरा कीमतें बढ़ा सकती हैं। इसके लिए केंद्रीय सरकार की अनुमति की आवश्यकता नहीं होती है।